________________
240
Stotra
[ to6o. Ends.- fol. 320
पुत्रपौत्रसुखसुकहुंजोतु मुखमायेकररसना ॥ श्रीविठलकलपद्रुम...ल्योतेहेनि सारवापसरीअनेकरे रसना ॥ १४ ॥
इति गोपालदासजीकृत वल्लभाख्यान नवममिहु संपूर्ण
Then follows some portior.. References.- Mss.-- Aufrecht's Cat. Catalo. I, 555.
वल्लभाष्टक
Vallabhāstaka
No. 1061.
1880-81. Size.-5 in. by 71 in. Extent.- 3 leaves ; I3 lines to a page ; 12 letters to a line. Description..- Country paper; Devanāgari characters; old in
appearance ; hand-writing clear, legible and uniform; the Ms is in book form and contains the following twenty stotras:
(I) वल्लभाष्टक ; (2) विवेकघैयाश्रय ; (3) पुष्टिप्रवाहमर्यादा मेद; (4) सुविनिश्चित (5) जलभेद; (6) संन्यासनिर्णय ; (7) वृत्रासुरचतुःश्लोकी; (8) गोकुलाष्टक; (9) विष्णुपक्षरस्तोत्र; (10) यमुनाष्टक ; (II) यमुनानामानि; (12) यमुनाष्टपदि;
(13) कृष्णप्रेमामृत ; (14) नामरत्नस्तोत्र ; (15) श्रीकृष्णप्रेमामृत ...... स्तोत्र; (16) बालबोध; (17) चतुश्लोकी; (18) स्तोत्र
(19) मूलपुरुषाख्यान ; ( 20 ) वल्लभाख्यान. Age.- Fairly old. Author.- Vitthalesvara. Subject. -- Verses in praise of Vallabhācārya who is no other than
Lord Krishna. Begins.-- fol. .. ...
श्री......ये नमः श्री...... नमः । ....... . श्रीमईदावनेदुः प्रकटितरसिकानंदसंदोहरूप.... स्फूर्जद्रासादिलीलामृतजलधिनराक्रांतसर्थोपि सश्चत् ॥ . तस्यैवात्मानुभाष प्रकटन रुदेवस्थाज्ञया प्रादुरासीत् । प्रमो य समनुष्या कतिरति करुणास्त प्रप..., हुतासं ॥ २ ॥ etc.