________________
133.1
Upanişads
31
Description - See No. 134 (1)/1880-81 Mundakopanisad. Begins — fol. 2070
ॐ घृणिसूर्य आदित्योमर्चयंति तपः सत्यं मधु क्षरति etc. Ends-fol. 2210
तस्माद्राह्मणो महिमानमामोति तस्माद्राह्मणो महिमानमामोत्युपनिषत् ॥ ॥ इत्यथर्ववेदे बृहनारायणोपनिषत्संपूर्ण ॥४०॥
बृहन्नारायणोपनिषद्
Bịhannārāyaṇopanişad 2nd part
2nd part No. 732
27(40)
1895-98... Size - 10. in. by 5} in. Extent -- 69a to 730 leaves; 12 lines to a page; 35 letters to a line. Description - See No. 27 (1) / 1895-98 Mundakopanișad. Begins — fol. 69a
ॐ घृणिसूर्य आदित्यमर्चयंति तपः सत्यं मधु क्षरंति etc. Ends - fol. 730
___ तस्माद् ब्रह्मणो महिमानमामोति तस्माद् ब्रह्मणो महिमानमामोतीत्युपनिषत् ॥ १० ॥
इत्यथर्ववेदे बृहनारायणोपनिषदुत्तरा समाप्ता चत्वारिंशत् ४०
ब्रह्मबिंदूपनिषद्
Brahmabindūpanişad No. 733
___10 (18)
1882-83 Size -- 104 in. by 6 in. Extent - 31a to 32a leaves ; 12 lines to a page; 32-35 letters to a line. Description - See No. 10 (1)/1882-83 Mundakopanisad, Begins - fol. 31a
ॐ मनो हि द्विविधं प्रोक्तं शुद्धं चाशुद्धमेव च। भशुद्धं कामसंकल्पं शुद्ध कामविवर्जितं । etc...