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Upanigads
[1061
Begins-fol. 138a
श्रीः ॥ छ ॥ गौतम उवाच ॥ भगवन् सर्वधर्म सर्वशास्त्रविशारद
ब्रह्मविद्याप्रबोधो हि केनोपायेन जायते ॥ etc. Ends - fol. 140a
स्वयंज्योतिः शुद्धो बुद्धो नित्यो निरंजनः शांतः प्रकाशपरब्रह्मः ॐ वेदं प्रवचनं वेदप्रवचनमिति ॥ इति सोपनिषत्समाप्ता ॥छ॥श्वीः ३६ ॥
हंसोपनिषद्
Hamsopanişad No. 1061
134 (42)
1880-81 Size -6d in. by Hin. Extent - 225b to 2280 leaves; 7 lines to a page; 20 letters to a line. Description - See No. 134 (1)/1880-81 : Mundakopanisad. Begins — fol. 2250
श्रीगणेशाय नमः॥ ॐ गौतम उवाच ॥ भगवन्सर्वधर्मज्ञ सर्वशास्त्रविशारद ।।
ब्रह्मविद्याप्रबोधो हि केनोपायेन जायते ॥ etc. Ends - fol. 228
शुद्धो बुद्धो नित्यो निरंजनः शांतः प्रकाशित इत्यों वेदप्रवचनं वेदप्रवचनमिति ॥२॥
॥ इत्यथर्ववेदे हंसोपनिषत्संपूर्ण ॥४२॥
हंसोपनिषद्
Hamsopanisad
10(40) No. 1062
1882-83 Size — 104 in, by 6 in. Extent -- 750 to 760 leaves ; 12 lines to a page ; 32-35 letters to a line