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UPANIŞADS (Vol. I : Part III)
बहृचोपनिषद्
Bahvịcopanişad
487 (107) No. 687
1882-83 Size. - 9 in. by 5 in. Extent. — 10 to 2a leaves ; 15 lines to a page; 35 letters to a line. Description. -- See No 487 (1) / 1982-83 Išāvāsyopanişad (Vol. I,
__Pt. II, p. 88). Begins. - fol. 10
ओं श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससत्गुरूरामचंद्राय नमः । ओं वाङ्मे मनसीति शांतिः ।। ओं देवी ह्येकान आसीत् । सैव जगदंडमसृजत । कामकलेति विज्ञायते । श्रिंगारकलेति विज्ञायते । तस्या एवं ब्रह्मा भजीजनत् ।
etc. Ends.-fol. 20
ऋचो अक्षरे परमे व्योमन् । यस्मि देवा अधिविश्वे निषेदुः । यस्ता वेद किमु चाकरिष्यति । य इत्तद्विदुस्त इमे समासत इत्युपनिषत् ।।
ओं श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससद्गुरूरामचंद्रार्पणमस्तु । बढ़चोपनिषत् समाप्ता ॥ श्री॥ छ ॥ छ । छ ।
बृहज्जाबालोपनिषद्
Bșhajjābālopanişad
487 (25) No. 688
1882-83 Size.-98 in. by 6 in. Extent. - 1a to 5a + 11 lines on fol. 100 of Kausitakyupanişad
(No. 487 (24)/1882-83); 20 lines to a page; 40-42 letters
to a line. Description.- See No. 487 (1) /1882-83 Isavasyopanisad (Vol. I,
Pt. II, p. 88).