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Upanişads
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22. Yogasikhopanisad 103b 38. Narayanopanisad 189b 23. Yogatattvopanisad 1016 39. Brhannārāyanopa24. Samnyasopanisad 106b
nişad 1926 25. Arunlyopanisad 110a 40. Brhannārāyanopa. 26. Kathasrutirupanisad 113a
nişad 2076 27. Pindopanisad 117b 41. Sarvopanisatsara 2200 28. Atmopanisad 118b 42. Hamsopanisad 2256 29. Nșsimhapūrvatāpa.
43. Paramahamisopa. niyamahopanişad I 1200
nişad
2280 30. Do II 1266 44. Anandavalli
232a Do Do III 133a 45. Bhrguvalli
244b 32.
Do Do IV 134b 46. Garudopanisad 249a 33. Do Do V 138a 47. Kalagnirudropanisad 250b 34. Nrisimhottarata
48. Rāmatāpapiyopapaniyopanisad 144b
nişad I 252a 35. Kathavalli Pūrvavalli 169a 49. Ramatapaniyopa36. Kathavalli.
___nisad II 2620 Uttaravalli. 179a 50. Kaivalyopanisad 272a 37. Kenesitopanisad 185b 51. Jabalopanisad 276a
52. Asramopanisad 279b All these belong to the Atharvaveda but they are allotted to different Sākhās in these words :
पंचदशोपनिषदो भवंति शौनकीयानां ॥ मुंडकादिस्त्वलातांता विज्ञेया ब्रह्मवेदस्य ॥१॥ सप्तत्रिंशत्तथान्याश्च पैप्पलादिप्रभेदतः।।। एवं पंचाशद्धयधिका ब्रह्मवेदस्य नान्यतः।। २॥ नीलरुद्रप्रभृतयः आश्रमाताः प्रकीर्तिताः ॥
एताः सर्वाः पृथग्वाक्या जीवब्रह्मक (क्य ) बोधिकाः ॥३॥ Begins - fol. 10
श्रीगणेशाय नमः ॥॥ ब्रह्मवेदाय नमः
ॐ ब्रह्मा देवानां प्रथमः संबभूव । विश्वस्य कर्ता भुवनस्य गोप्ता ॥ etc. Ends - fol. 110
तदेतत्सत्यमृषिमंगिराः प्रोवाच नैतदचीर्णव्रतोधीते नमः परमऋषिभ्यो नमः परमऋषिभ्य ॥ ६॥ तृतीयमुंडकं ॥
इत्यथर्ववेदे मुंडकोपनिषत्समाप्ता ॥१॥