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Jaina Literature and Philosophy
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Incorrect श्रीसिद्धराजे संग पुरे'श्री • प्राथिमकल्लिकेन
Correct श्रीसिद्धराजजेसंग. 'पुरे' श्री. प्राथिमकल्पिकेन
187
श्री.
188 188 189 191
33 2 26
192 192 192 205
१ 22 28 24
Kumāra pālaprabandha Kumāra pälapra
bodhaprabandha श्रो. दब्दान्ये च
दब्दान्येच(व) चैवत्तभैया
चैव त्त( भं)भैयों जिनप्रतिमादृढकरण
हिण्डीरास V.S. 1728 हरिबललाछी हरिवलमाछी 1761
1755 जिन० 1725 छप्पण्णय ( षट्पर्णक) हरिवर्ष
बन्दिय ( बन्दिक) ?
हरिवरिस ( हरिवर्ष) आहारहय
आहारय 35
35) Śästra Sāhitya Sahitya Shastra
192
205
205 206 207
28 30 38
208
211
23
211
क
212 212 22
9 16y 20