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मंगलकामना..
प्रकाशकीय
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अनुक्रमणि
प्राक्कथन .....
अनुक्रमणिका.
प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत.
हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य एवं सादर ग्रंथ समर्पण.
हस्तप्रत सूची .
परिशिष्ट : कृति परिवार अनुसार प्रत- पेटाकृति अनुक्रम संख्या...
१. संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से कृति परिवार
सह प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - १..
२. देशी भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से कृति परिवार सह प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - २..
प्रस्तुत खंड २६ में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है.
* प्रत क्रमांक - ११५२४६ से १२०९६०
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IV
iii
iv
v-vi
.vii-viii
.१-४७०
.४७१-५९६
इस सूचीपत्र में हस्तप्रत, कृति व विद्वान/व्यक्ति संबंधी जितनी भी सूचनाएँ समाविष्ट की गई हैं, उन सबका विस्तृत विवरण व टाइप सेटिंग संबंधी सूचनाएँ भाग 7 के पृष्ठ VI एवं परिशिष्ट परिचय संबंधी सूचनाएँ भाग 7 के पृष्ठ 454 पर हैं. कृपया वहाँ पर देख लें.
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.४७१-५२०
५२१-५९६
* इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किए जाने के कारण वास्तविक रूप से इस खंड में २८४९ प्रतों की सूचनाओं का समावेश हुआ है.
* समाविष्ट प्रतों में कुल ३७४१ कृति परिवारों का समावेश हुआ है.
* इन परिवारों की कुल ४३५२ कृतियों का इस सूची में समावेश हुआ है.
* सूची में उपरोक्त कृतियाँ कुल ६२९७ बार आई हैं.