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जैन सैद्धान्तिक, तात्त्विक, दार्शनिक, आचार व न्याय ग्रंथ
___75
7
8A
10
25 x 12*21x50
| सं. 112 बोल
20वीं
साधु समाचारी
थोकड़े औपदेशिक
25 11*11 x 39
त्रुटक
18वीं
सामान्य
सामायिक व्रत पर
26 x 11*13x40
सं. 35 गा.
1727 मेड़ता पं. भ्वर
सिद्ध स्वरूप
|
8
26 X11*5 x 33
19वीं गोविंद दुर्गपुरे धर्मविजय किञ्चित्जीर्ण
,, 50 गा. प्र. 282 गा.
औ. तात्त्विक
24. 11*5x32
1768 योधपुरे सविधिसागर
अ. 539 गा.
19वीं
46 आगम प्रवचन सार | 165
| 25 x 12*6 x 37 | 25 x 12* विभिन्न
प्र. आगम उद्धरण
20वीं
1906 की कृति भूधरजी समर्थक
संख्या स्थानक बोल 51,20,6 24से 25 x 11 से 12
प्र. बोजकनुमाथोकड़े37तक 19/20वीं
प्रवचन विषय सूचि 1632X22*54x33 प्र. ग्रं. 2001 1924 अजीमगज जीवा औपदेशिक सुभाषित 9:26 x 11*11x43 | सं. 98 श्लोक ग्रं. 220 | 1565 मेड़ता अपर नाम सूक्ति मुक्तावली
26x11*15x48 , 100 श्लोक | 19वीं do चन्द्रकीति तपा नागपुरी 62 28 ». 13*17x50 ,, व्याख्या कथा सह 1911 ब्यालपुर जशविजय
,98/101 श्लोक
18/20वीं
26,16, 25से 26 x 1|से12 22,24,21
25x11*5x30
,, 100 श्लोक
19वीं
26 x 11*14x53
अ. 7वाँ पन्ना फटा हुआ | 18वीं
7
25x11*11x28
अ. 67 श्लोक तक
20वीं
19/20वीं
3,12*, 25से 26x11 सं. 99/101 श्लोक
6,7 11 | 11x22*14x36 । सं.
19वों
गुणों की महिमा -
1
| 33x22*60*32
सं. 32 गा. (पन्ना 382) 1926
धार्मिक साहित्यक
26x11*18X50
प्र. 255 इलोक
17वीं
, ,,+औ. 3 26x10*12x30
19वीं महेवा रूपचन्द धर्मपुरुषार्थ पर ही 114
प्र.75 पद धर्म की कथा सह 1847 काणाणा वृत्ति1830 की कृति
हस्तिविजय वृत्तिकार की प्रशस्ति है अर्थ ,, तक 63 | 26 x 12*16x36
19वीं चारों पुरुषार्थ पर 48 | 26 x 12*15 x 37 | संपूर्ण
1867xमाणकचन्द 36 | 22x13*5x23 सं. चारों वर्ग 1946 बारडन धर्मचन्द