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जैन सैद्धान्तिक, तात्त्विक, दार्शनिक, आचार व न्याय ग्रंथ
78 | 8A
10 लोक स्वरूप 10,14,19 23 से 26X11 से 12 | संपूर्ण(अं में प्र. पन्ना कम 19/20वीं
25 x 12*13 x 42 | सं. 315 गा. 1811 आहोर 25x10*12x39 , 311 गा. 1867 सुहाई रुघनाथ 25 x 11*10x40 |, 263 गा. 20 वीं त्रुटक
बीच के 10 पन्ने (5से14) 18 वीं
27x12*9x35 | सं. 40 श्लोक
19 वीं
शिथिलाचार-प्रहार साधु मर्यादायें
25x12*12x40
"
1946 मुंबई विजयकृष्ण अवचूरिकार की
प्रशस्ति है 20वों
सिद्धों के पूर्व भवबोल 3
25x11*14x32
औपदेशिक
| 25x11*7x46
सं. 25 श्लोक
19वीं
25x12426 x 12
स./अ.
19/20वीं
19/20 की कृतियाँ
व्यंगात्मक शिथिला 2,5
चार पर औपदेशिक+वृतांत 8
29x 13*11x43
,, 161 गा.
16वीं
25x11*11x45
20 x 15*13x20
संपूर्ण
1603 आड़ाग्रामे .
क्षमा संतोष पर
| 25x10*13x33 | सं.36 पद
1925 पारलाउ भीमराज 1684 की कृति
उपदेश
15x10*10x16
,
19वीं
10x16
(पृ. 72 से 76)
विवाद निराकरण
27x11*13x56
, 150 गा.
17वीं
26x11*13x38
, 152 गा.
1723
समत्व योग पर
25 x 11424x11
,, 57/53 छंद
20वीं
25x11*15x54
, 31 गा.
19वीं
आत्म विज्ञान
25x11*13x36
25 x 10*17x69
|, 727 गा. ग्रं. 17071725 बाना वैराग्यसागर 1693 शाहजहाँ
राज्ये कृति ,, 724 , , ,, | 1762 वजीरागुढा |, 727 गा. 1793 कुड़ा धैर्यसागर .
25x11*16x37
22x10*11x28
"
,
"
18वीं
| 25x15*15x38 | अ. अंत के 6 पन्ने गायब 1769