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जैन सैद्धान्तिक, तात्त्विक, दार्शनिक, आचार व न्याय पंथ
37
| 8 |
8A
10
11
औपदेशिक विरक्ति
4
24x12*10x32
18 वीं
26x11*5x30
| सं.29 गा. सह7 सुभाषित 16वीं
17x16*20 x 25 , 29 गा.(पन्ने 40से42) 1550 x विनयप्रभ. 25x11*13x40 1, 31
18वीं 25x11 व 20x11 1 , 21 पद
19/20वी 1824 की कृति तिवरी में
2, 4
26x11*6x28
, 36 गा.
| 18वीं
30x12*15x60
, 4 अधिकार गा. 384 16वीं
26313*15x54
अ.बीचके पन्ने है 18से82 20वीं
24x11*15x37
.33 गा.
19वीं, कुरलायां, शृंगारा
1-25x11*6x40
तृतीय स्तम्भ मात्र कथा | 1852xविनीत विजय
31 से 45 सं. 32 गा.
20वीं
व्याख्या उपदेश
संग्रह नाम्नी
24 x 14*18 x 30
गुटके में
औपदेशिक
25x10*13x42
, 544 गा.
1585 x जयवंत
16वीं
29x12*12x48 26 x 11*11 x 39
अमरप्रभ शिष्य (सिद्धिर्षि वृत्त्यानुसार)
26x11*9x30
,544 गा.
1600
25x11*9x29
1634 मालपुर
25x10*6x41
, 543,,
1691x दयाशेखर
किञ्चित् जीर्ण
26x11*13x45 | सं. 545 गा.
17वीं
26x11*15x60
, 544,
1715
नाम काटा हुआ
27- 11*5x50
,543 ,, टब्बा ग्रं3500 1725
टब्बार्थ 1690 जोधपुर कृति
25x11*15x36
"
"
1740 सित्तपट्ट लक्ष्मी विभव
,543-44 गा.
19वीं
अंतिम प्रति सहकथा
117.141, 22से25x11से12
121| 136 | 25x11*4x39
, 543 सहकथाय
1840 बालोत्रा सुमतिसागर
125
26 x 11*5x29
दो पन्ने कम गा. 544
1899
| 26x11*14x35 | संपूर्ण 543 गा.
1 20वीं