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विभाग-१ आ (iii) :- चूलिका व मूलसूत्र
8A
10
11
पद्यानुवाद भावार्थ 4
| सम्पूर्ण 7 ढालें
20वीं
1839 की रचना
साधु समाचारी | 18
26x11* :7x64 पूर्णगा. 11 64पहिला पन्ना 16वीं
61गा. कम
विभाग १ प्रा (iv)-प्रावश्यक सूत्र व साहित्य
भावश्यक क्रिया पाठ 50
26 x 11*17 x 60
प्रतिपूर्ण चार अधिकार | 1519
मुनिसुन्दर के शिष्य
26x11*5x39
संपूर्ण 6 आवश्यक
1597, अमदाबाद,रेवदास शा. जावड़जीवा
ने लिखवाया
,
+भक्ति 31
25x10*13x50
प्रतिपूर्ण
,
16वी
"
"
59
26x11*15x42
17वीं
, (थावक)
8
25x11*11x42
,
17वीं
31. 25 x 11*4x51
अपूर्ण-बुछ पन्ने मूल मात्र 17वीं
25x11*11x40
1748
अन्त में चउ शरणा पाठ
25x11*17x56
संपूर्ण
| 1776, केरु, धर्मसुन्दर
26x12*9x29
,50+33 गाथा 18वीं
पगाम.वंदितु+रात्रि 8
सज्झाय आवश्यक क्रियापाठ 48
26 x 11*19x56
प्रतिपूर्ण चार अधिकार | 1872, जसोल, ज्ञानसागर
22x11*6x28
आवश्यक
20वीं
+भक्ति 50
21
24x12*5x37
20वीं, जसोल
26 x 12*4x38
19वों
20वीं
सामान्य
14,21,8 24 से 26 x 6 से 12
11,13 4 से 21 25से27x11से 12...
19/20वीं
| 9,37, 22से 27 x 10से 12 10.13 9 ( 26 x 11*13x36
19वीं
-भक्ति 93.12,75 21 से 28 x 11से 12
| 14,32 " 69
24 से 26x11
,, आदि | 19/20वीं त्रुटक स्फुट पन्ने
17 से 20वीं तक
"
पगाम सम्झाय
26 x 12*4x38
प्राचीन प्रति की नकल
| अपूर्ण, 'थम सात पन्ने । 1743 नहीं है पूरे के ग्रंथाग्र 900/ संपूर्ण
18वीं .
25x11*6x47