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_22
भाग १-जैन मागम
2
3
।
3A
56
182
B-गु. 14
त्तराध्ययन
Uttarādhyayana
मू (प.ग)
183
रा-11/4
सहअवचूरी
मू+अ (पग)
प्रा.सं.
184
सि. 75
,
वृति
-/भावविजय . मू+वृ (प.ग)
185
बा. 44
,, दीपिका
-/लक्ष्मीवल्लभ
.186
"
वृत्ति
-/कमलसंयम
187
, टब्बार्थ
मू+ट (प.ग)
प्रा.मा.
188
189
| B-301
, बा+क
-आर्यचंद्र मुनिचंद्र मू+बा+क d/oपापर्वचंद
मू+ट+क
190-1 सि. 76-77
,, ट+कथा
,, 24 प्रति
मू+ट (प.ग)
192- | रा-10/2-6,8,9, 215 111;11/1-3,5,
20-24,21A,27, 28%B17/6332/
14,15,33 216 | B-947
।
मू (प.ग)
217-44 रा-10/7,12-17; उत्तराध्ययन 28 प्रति
| 11/6,9,11,13| 19,25,26; 16/ 7-9;30/10; 32/ 3,4,18-20
5 प्रति
।
245-49 रा.11/7,8; 28/
1,2,12 250 सि. 78
" ___,
सहटब्बार्थ
।
मू+ट (प.ग)| प्रा.मा.
251
बा-46
।
4
89
।
रा, 27,32,10] ,, नौवा अध्याय
38 प्रति सि-79
नमि अध्ययन अर्थ
290
4
Nami Adhyayana
Artba Uttaradhyayapa Kathāyem
291
B-471
उत्तराध्यन कथायें
4
पदमसागर do विमलसागर
49
B-104
4
293
B-770
|
294
रा. 32/35
उत्तराध्ययन सज्झायें
, Sajjhayem | सुमतिविजd/o
लखमीविज अष्टप्रवचन माला सज्झाय|AstaPravacana Mata| ऋ. रायचंद
Sajjbāya
|