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विमाग-१ ा (ii) :-छेद सूत्र
___8A .
10
25x11*25x12संपूर्ण द्वितीय का ग्रं.12025/19 वीं
ल्याणक स्थविरा- 15 ली व समाचारी | 14:
144
25x11*6x30
| संपूर्ण ग्रं. 1216
1763 वीरमग्रामे
189
25x11*5x37
1798 जैवारण श्रीचंद
196से228 25 से 27x11 से 12
19 वीं
193से17425x12
19/20 वीं
19026x11*15x43
1804
26से170 23 से 27x10 से 12 अपूर्ण
19/20 वीं
26 x 11*5 x 28 25 x 116x41
पूर्ण (अन्तिम पन्ना कम) | 16 वीं संपूर्ण ग्रं. 1216 16 वीं
130
सोनविमल टब्बाकार
149
26x11*5x29
। 17 वीं
100
26x11*6x33
.. ग्रं. टब्बार्थ 3000 1749 सिवाणा उत्तमकुशल
,, ग्रं. 1216
1877
,, मयासागरादि किंचित् व्याख्याभी
23 x 116 x 30 25 x 11*6 x 42
19 वीं
26x11*6x43
अपूर्ण (बीचमें 54पन्न नहीं) 1810 खमणोर विजयगणि
25x11*5x38
.. (प्रारंभके18पन्न कम) 1827 गूढा मानगणि
27x 13*5 x 41
,,(अपूर्ण समाचारी मात्र) 19 वीं
25x11*14x41
प्रतिपूर्ण
16 वीं
तीर्थकर स्थविरचरित्रादि महावीर कल्याण
पीठिका अष्टान्हिका
व्याख्यान सह आलापक लेकर
25x11*16x54
19 वीं
कादि
कठिन पदों का अर्थ
..- | संपूर्ण ग्रंथाग्र 418
1625(प्रथम आदर्श?) किञ्चित् फटी हुई
26x11*11x52
1659 शिवचंद्र
कल्पसूत्र पूरक व्याख्या वृत्ति
26 x 11*17x41
प्रतिपूर्ण केवल छठी वाचना 17 वीं
.
125x11*15x41
,, ऋषभ चरित्र तक 1850
26x12*15x40 26x11*17x44
,, केवल दूसरी वाचना 20 वीं ., ऋषभ चरित्र तक " "
जीर्ण
स्पसूत्रपूरकव्याख्या 92
26X11*17x58
अपूर्ण
18 वीं