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भाग ४-जैन इतिहास व वृतान्त
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3A
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____ 456
106
चौ. 116 | कालकाचार्य कथा
Kālakācārya Katha
107
लक्ष्मीवल्लभ
चौ. 117
"
सि. 441
B-886
| जिनभक्तिसूरि राज्ये
B-777A सि. 442
कीत्तिधर व्याख्यान
Kirttidhara Vyakhyana | चौथमलd/oनथमल प
112
सं.बा.
कुंचक सेठ कथा
Kuscaka Sețba Katha
सि. 443 | वण्डरीक पुण्डरीक
चौढालिया बा. 324 || कुमारपाल रास
Kundatka PundarTka | अज्ञात
Caudbālia Kumārapāla Rasa जिनहर्षd/oशांतिहर्ष
114
115
B-431
116
चौ. 118
. 117 | सि. 444 | कुसमश्री वीरसेन चौपइ | Kusumasi Virasena | जिनहर्ष
Caupai 118 | सि.445 | कृपाचन्द्र चरित्र Krpacandra Caritra जयसागरसूरि
119
सि. 446 | कृष्णजी की ऋद्धि
Kranji-KI-Rddhi
ऋ. जयमलजी
121-2
मू+ट (प.ग.)
120 | सि. 447 | केलावती सती चरित्र | Kelavatr Satr Caritra अज्ञात
सि. 448-9 कौणिक चौपइ 2 प्रति Kaunika Caupai
सि. 450 | (चेड़ा),, चरित्र , Caritra 124 | B-1051 | कौशल राजर्षि चरित्र Kaus'ala Rājarki Caritral -
क्षुल्लकुमार चौपइ Ksullakumara Caupai | क्षमाप्रमोद 126 B-1000 | क्षेमऋषि सज्झाय Kşema Rşi Sajjbāya अमरकीत्ति 127 | बा. 325 गजसुकमाल चौपइ Gajasukamāla Caupai 128 सि. 451
जिनराज d/o
सिंहसूरि रतनचंद
125
सि. 452
130-1 सि. 453-54
, लावणी 2 प्रति
Lāvaņi
रामकृष्ण d/o
हीरानंद