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किमान ३ आ-स्तवन, स्तुति, स्तोत्रादि भक्ति साहित्य
101
7
8A
9
10
तीर्थकर भक्ति
25x11*15x40
प्र.
20वीं
चौवीसी उदयरत्न की
25x11*19x54
सं. 24 स्तवन (स्तुति) | 1872
25x11*14X42
, 24 स्तवन
19वीं
r own w.
25x11*17x45
, 25 सवैया
20वीं
25x12*15x44
24 स्तवन
1875 सैणा ज्ञानसागर तपाd/oजसवंतसागर
19 x 11*14x35
1817
22x12*14x32 | अपूर्ण 15,
19वीं
25x10*9x34
। सं. 24
,
20वीं
o uno = c
19x 11*15 x 26
,, ,,
1816
| 25x12*19x45
1824x सुमति सागर
25x10*15x49
सं.24 स्तवन 5/5 गाथाके 19वीं सादड़ी धीरविजय
| 10x14*12x23
|, 24 गीत
1883 विक्रमपुर मनरूपविजयd/oरूपविजय
| 26*12*15 x 40
स्तवन तक
20वीं
गुटकानं.4 13x11*13x15 | सं. 24 स्तवन
1835 पोहकरणे
1827
| 24x15*29 x 1.8 | 33 x 22*57x 32
1923
55 | 16x10*5x15
|
20वीं
24से26 x 11से12
25x10*13 x 46 16x13*16 x 20
12x10*12x17
L,24 स्तवन पर 16से24/1847अंतिम ढाल प्रशस्ति है राजनगर1821
कृति , ,+9 ढाल 1882 सिणधरी हुकमचंद बड़गच्छ d/o
सुमतिप्रभु अ.9 से 24वें तक 19वीं
11x7*10x17
23x11*11x35
सं. 23 गा.
पार्व भक्ति स्तोत्र
- 26x11*11x34
| सं. 30 गा. मं. 250
17वीं पंचपाठी
अंत में 2 गा. और
23* | 25x11*11x28
सं. 30 गाथा
| 1861 जसोल सदानंद