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विभाग ३ अपव्रत कथा धार्मिक विधि विधान
7
11
प्रतिमा स्थापना 36,23 27 x 15426 × 13
ष्ठान
29, 15 25 x 11427 × 13
28x13*15 x 42
11
21
33
"
11
दीक्षाविधि उपदेश
दीक्षा + स्वाध्याय विधि लघुदीक्षा + लो
लघुदीक्षा शिया
साधु अतिचार
प्रायश्चित अतिचार आलोचना
"
प्रत्याख्यान सदृश
बारत की टीप
धार्मिक क्रियाय
"
"
11
प्रतिलेखना बोल
कथा
11
=
8
25
18
29,4
20
25
25 × 12 * 9 × 34
26x12 * 13 x 38
23 x 11*11 x 30
24×12*16 × 45
-25 x 12 * 13 x 35
6,333, 27 से 28 x 12 से 13
3,7,26
9
27x13*16 x 51
25 x 11 * 10 x 35
44 x 25 * 16 x 50
26x12 * 13 x 40
21 × 7*9 × 38
लंबारोल x 11
25 x 11*15 x 40
24 x 11 15x-38
25 x 11*12 × 31
25x115 x 33
6
11
5
8
4
9
7
1
32
13
13
8A
1
25 x 11*13 × 45
26 × 12*12 x 31
Q
80*
3, 8, 15 25से27 x 11 मे 12
26 x 11*12x42
5 28x12*15 × 47
26y 12*13 x 46
सं.
11
"
"
20वीं
अ. ( प्रथम 3 पन गायब 19वीं
प्र. भिन्न 2
सं. 34 गा. सह पग्गाम
सज्झाय
प्र.
सं.
"
21
1901 व बाद में
20 वीं दुर्ग
20वीं
20वीं
20वी
20वीं
,, सह मंत्रस्तोत्र
1939 जैसलमेर सर्वसुख
37 प्रश्नोत्तर
20 ff
,, साधु श्रावक दोनों के 20वीं बीकानेर टीकमचंद
18वीं
1886
1901 x दानविशाल
20 वीं
27
"
"
9
21
ग्रं. 1080
11
अंतिम प्रति में स्त्री
पुरुष की अलग 2
20 पदों की
अ. 18 तक है
1941 /40 जयपुर मयाचंद
19/20ft
1881 उदयपुर नेमविजय
19वीं
10
"
18वीं
सं. ग्रं. 165
20वीं
बीच की प्रति अ. शेष दो सं. 20वीं
सं.
1894 राधनपुर विवेकाञ्चि
1987
11
87
- सामान्य
छेद सूत्रानुसार
प्रायविचत की
मात्रा