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________________ ० ०. खंडमखंडखाद्य-कर्ता उ. यशोविजयजी महाराज ममेयकमलमार्तड- ( प्रभाचंद्र ) न्यायकुमुद चंद्रोदय सं. महेन्द्रकुमार अकलंकग्रंथ त्रयी सं. महेन्द्रकुमार जैनेतर-न्यायग्रंथो सर्वदर्शनसंग्रह-कर्ता माधवाचार्य सं. वासुदेव अभ्यंकरशास्त्री १०-० सिद्धांतबिंदु ,, २-८ पातंजल योगदर्शनन्यायकोश १५-० वात्स्यायन भाष्यम्-न्यायदर्शन-गौतममुनि प्रशस्तपाद भाष्य-वैशेषिक-कणादमुनि सिद्धांतमुक्तावलि-दिनकरी रामरुद्रीसहित ब्रह्मसूत्रशांकरभाष्य-भामती कल्पतरुपरिमलव्याख्या १०-० ब्रह्मसूत्र शांकरभाष्य-मूलमात्र सटिप्पण २-८ पातंजल योगसूत्र-नागोजी भट्टनी वृत्तिसहित ०-१४ अद्वैतसिद्धि-(मधुसूदनीया) सांख्यकारिका-इश्वरकृष्णविरचितमाठरवृत्ति . १-८ सांख्यतत्त्वकौमुदी-(वाचस्पति मिश्रकृत टीकासहित) २-८ तस्वसंग्रह-जे भाग (आ० शांतरक्षित टीकाकार कमलशील) २४-० न्यायबिंदु-(दिग्नागकृत) २-८ न्यायसिद्धांत मुक्तावली-(प्रभोपेता) " urwa ३-०
SR No.018077
Book TitleJain Pustak Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurjar Granthratna Karyalay
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1941
Total Pages72
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationCatalogue
File Size3 MB
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