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प्रवर्तक कान्तिविजयजी म.सा. शास्त्र संग्रह (हस्तलिखित) जैन ज्ञान मंदिर, छाणी क्रमानुसार सूची क्रमांक ग्रंथ का नाम
पत्र १/१ | निशीथसूत्रचूर्णी प्रथम खंड नं. १/१ । १-२३२
| निशीथचूर्णी द्वितीय खंड नं. १/२ १-२४५ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्रम् ऋषभदेव| नेमिनाथ-चरित्राभ्यां रहितम्
१-३८१ मुनिसुव्रतस्वामी चरित्र
२११मुं कोरुं छे प्राकृतगाथाबद्ध ।
१-२११ | संवत १९६० प्रथमपंचाशकचूर्णि नं. ४थो
१-५८ क्षेत्रसमासवृत्तिसह चुडामणी
| पत्र २५मुंबेवडुं छे न्याय मंजुषा बृहद्वृत्ति
५२ धातु रत्नाकर .
३५८ पृथ्वीचंद्र चरित्र
१२४ १० |सूत्रकृतांगसूत्र सटिक त्रिपाठ
२७५ I (चित्र पृष्ठिकायुक्त) टीकाकर्ता : शीलाचार्य सं. १९६२ | अनुयोगद्वार सूत्र
२८ १२ । | प्रत्येकबुद्ध चरित्र
९८ १३ शालिवाहन चरित्र पद्य - संस्कृत
३३ १४/१ | बृहत्कल्पसूत्र नियुक्ति भाष्य टीकासह ३४३
क १४/२ | बृहत्कल्पसूत्र नियुक्ति भाष्य टीकासह | ३४४-६८६ | ख १५ शतपदी शतपदी
। मध्याह्न व्याख्यान | प्रतिष्ठा सारोद्धार टिप्पणीसह - त्रूटक | १८-११४
नंदीरचनाविधि आदि तथा सरस्वती स्तोत्र १९ | सत्यविजय पंन्यास निर्वाण २० विजयसेनसूरि निर्वाण २१ | उदयात् तीथि विचार .२२
लघुउपमिति भवप्रपंचा कथा
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| भवभावना संक्षिप्त वृत्तिसह पत्र | कुमारपालप्रबन्ध | शब्दरत्नाकर - शब्द प्रभेद नाममाला | सुरसुंदरीकथा गाथाबद्ध यतिजितकल्पचूर्णी नंदीसूत्र चूर्णी | महल्लत्रया पिंड नियुक्ति | धर्मोपदेशमाला सटिक
ऋषभदेवचरित्र गाथाबद्ध - प्राकृत | उणादि नाममाला अंगुल संस्कृतिका टीका तथा बालावबोधसह
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