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हस्तलिखित जैन साहित्य १.१.२४
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मुनिराज जयमालिका, आव भगवतीदास भैया, पुहिं, पद्य, आदिः परमदेव परणांम करि सतगुरु अंतिः भैया० जनम मरन भै नांहि गाथा - १०.
१५. पे. नाम. अहिछता पार्श्वनाथछंद, पृ. ५२आ-५३अ, संपूर्ण.
पार्श्वजिन छंद-अहिच्छत्रा, श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, वि. १७३१, आदि: अश्वसेन अंगज निलौं वामा; अंति: सुहावनौं पूजै पासकुमार, गाथा-७.
१६. पे. नाम. शिष्य छंद, पृ. ५३अ -५३आ, संपूर्ण.
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औपदेशिक छंद-मूढशिक्षा, श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि देह सनेह कहा करे देह मरण; अंति: भैया० के समविष्टी होइ, दोहा १२.
१७. पे नाम. आध्यात्मिक पद, पू. ५३आ, संपूर्ण.
आध्यात्मिक पद-शूची, आव भगवतीदास भैया, पुहि., पद्य, आदि या देही की श्रुचि कहा; अंति: गुण त्यागि जल जलि दीजै, गाथा ४.
१८. पे नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५३आ, संपूर्ण
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि अब मैं छाड्यौ पर जंजा, अंति: गुण राजत सोमम रूप विशाल, गाथा-२. १९. पे नाम आध्यात्मिक पद, पृ. ५३आ, संपूर्ण.
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि या घटमैं परमातमा; अंतिः चहे सदा चेतो चित वइया, गाथा-४.
२०. पे. नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५४अ, संपूर्ण.
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि नर देही बहु पुण्य सौं, अंतिः दुल्लभ महा यह गति ठकुराई, गाथा-२. २१. पे. नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५४अ, संपूर्ण.
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि: अरे तैं जुयै जनम गमायो रे; अंति: भैया तो कौ कहि समुझायो रे, गाथा-२. २२. पे नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५४अ, संपूर्ण.
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि: जीव कौं मोह महा दुखदाई; अंतिः भइया ज्यौं प्रगटै ठकुराई, गाथा-४. २३. पे. नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५४अ, संपूर्ण.
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि: जाको मन लागो निज रूप मैं; अंतिः सुखसागर आपु ही आपु लखावै,
गाथा-२.
२४. पे नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५४ अ-५४आ, संपूर्ण.
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि: नगन दिगंपर मुद्रा धरि कै; अंतिः प्रगटै वहुरिन भौमैं आऊं, गाथा-५. २५. पे नाम. पार्श्वजिन स्तवन- गौडी, पृ. ५४आ, संपूर्ण.
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पार्श्वजिन स्तवन- गोडीजी, आव, भगवतीदास भैया, पुहि पद्य, आदि गौडी प्रभु पारस पूजिया; अंतिः भाव सौंही पास जगत विख्यात, गाथा-५.
२६. पे नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५४आ, संपूर्ण
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि कहा परदेशी की पतियारो मन अंति: भईया आपु हि आपु संभारो, गाथा-५. २७. पे. नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५४-५५अ, संपूर्ण.
आव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि: ते गहिले भाई ते गहिले; अंति: नातो नरक निगोदि हले, गाथा-३.
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२८. पे. नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५५अ, संपूर्ण.
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि: छांडि दै अभिमान जीय रे; अंति: इम करम० भैया आपु पिछांन, गाथा-४. २९. पे नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५५अ, संपूर्ण.
श्राव. भगवतीदास भैया, पुहिं., पद्य, आदि: एक सुनि जिनशासन कीवतिया; अंति: भैया निज पदगहु निज मतियां,
गाथा-४.
३०. पे. नाम. आध्यात्मिक पद, पृ. ५५अ, संपूर्ण.
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