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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुक्रमणिका मंगलकामना समर्पण प्रकाशकीय .............. viii प्राक्कथन अनुक्रमणिका..... .............V प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत ...........vi-vii हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य.. हस्तप्रत सूची ........१-४६८ परिशिष्ट : कृति परिवार अनुसार प्रत-पेटाकृति अनुक्रम संख्या.......................४६९-५९६ १. संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - १..... ........ ...४६९-५१९ २. देशी भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - २ ... ५२०-५९६ इस सुचीपत्र में हस्तप्रत, कति व विद्वान/व्यक्ति संबंधी जितनी भी सुचनाएँ समाविष्ट की गई हैं, उन सबका विस्तृत विवरण व टाइप सेटिंग संबंधी सुचनाएँ भाग ७ के पृष्ठ vi एवं परिशिष्ट परिचय संबंधी सूचनाएँ भाग ७ के पृष्ठ ४५४ पर है. कृपया वहाँ पर देख लें. umlion DIL Talulail प्रस्तुत खंड ९ में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. प्रत क्रमांक - ३४४५१ से ३९०५० ० इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किए जाने के कारण वास्तविक रूप से ३६६० प्रतों की सूचनाओं का समावेश इस खंड में हुआ है. ० समाविष्ट प्रतों में कुल ४०६० कृति परिवारों का समावेश हुआ है. ० इन परिवारों की कुल ४५८२ कृतियों का इस सूची में समावेश हुआ है. ० सूची में उपरोक्त कृतियों कुल ६५६५ बार आई हैं. For Private and Personal Use Only
SR No.018055
Book TitleKailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2012
Total Pages614
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size12 MB
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