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Catalogue of Palm-Leaf Mss. in the (5) Ajitasantistava (५) अजितशान्तिस्तव Folios - 111 to 117
Extent -42 Gathas Language- Prakrit .
Size--14.2x2 inches Author - Nandisena
Condition - Good Age of MS. - C. Latter half of 14th cent. V. S. आदि:
अजियं जियसव्वभयं संतिं च पसंतसव्वगयपावं । जइगुरुसंतिगुणकरे दो वि जिणवरे पणिवयामि ॥ १ ॥ गाहा ।
अंत:
जो पढइ जो य निसुणइ उभओ कालं पि अजियसंतिथयमेयं । तस्स पसमंति रोगा पुवुप्पन्ना वि नासंति ॥ ४०॥ जइ इच्छह परमपयं अहवा कित्ती सुवित्थडा भुवणे । ता तेलोक्कुद्धरणे जिणधम्मे आयरं कुणह ॥ ४१॥ श्रीमते शांतिनाथाय नमः शांतिविधायिने । त्रैलोक्यस्यामराधीशमुकुटाभ्यर्चिताहये ॥ ४२ ॥ छ ।
(6) Pravrajyavidhāna (६) प्रव्रज्याविधान Folios-118 to 120
Extent -24 Gathas Language - Prakrit
Size-14.2x2 inches Age of MS.-c. Latter half of 14th cent. V. S. Condition - Good आदिः
संसारविसमसायरभवजलवडियाण संसरंताणं । जीवाण कह वि जइ होइ जाणवत्तं व मणुयत्तं ॥१॥ तत्थ वि बोही जिणदेसियंमि धम्मंमि निक्कलंकमि ।
पव्वजापरिणामो सुकयपुन्नस्स जइ होइ ॥२॥ अंत:
दो चिय हुंति गईओ साहसवंताण धीरपुरिसाण । वेल्लहलकमलहत्था रायसिरी अहव पवना ॥ २३॥ जइ इच्छसि मोक्खपयं अहवा कित्ती सुवित्थडा भुवणे । ता तियलोकुद्धरणे जिणधम्मे आयरं कुणह ॥ २४ ॥ पञ्चजाविहाणं समत्तं ॥ छ॥
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