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१९२३
१९मी
पाटण श्रीहेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमन्दिरस्थित तपगच्छ जैन ज्ञानभण्डारना हस्तलिखित ग्रन्थोन सूचिपत्र
१६२) क्रमाक पुस्तकनु नाम पत्र भाषा . कर्ता
श्लोकसख्या रचनास, लेखनस, स्थिति लम्बाई-पहोळाई १८३९७ निगोदषट्त्रिंशिका सावचूरि पंचपाठ ४ प्रा०सं०
१६मी उत्तम १।। ४४| तथा पुद्गलषट्त्रिंशिका मूल १८३९८ जयंतविजय काव्य ४७ सं० अभयदेवसूरि
२२२० १४८८ मध्यम १२४४।। .१८३९९ कातंत्र द्याश्रयावचूरि
१०००
१५मी जीर्ण १२४४॥ १८४०० कालिकाचार्य कथा
१८८३ उत्तम
१।।। ४५| १८४०१ रत्नाकरपशीशी सटीक त्रिपाठ १२ .. मू० रत्नाकरसूरि टी० कनककशल ३००
उत्तम ११।। ५।। १८४०२ छुटक मंत्रतंत्र प्रयोग मिश्र
१९मो
११।।। ४५॥ १८४०३ रूपदीप पिंगल भाषा हिंदी नाग
२०मी
११।। ४ ५।। १८४०४ परिभाषा
११।।। ४५ १८४०५ आरंभसिद्धि सावचूरि पंचपाठ सं० मूल उदयप्रभाचार्य
१९मा
११।। ४५। मनिगणमाला
११।। ४ ५। १८४०७ शारदीया नाममाला १५ संo हर्षकीर्तिसूरि
१८२७ ..
११।। ५।। सारस्वत (आरूयात प्रक्रिया)उत्तरार्ध
१९मो
११।।। ५. १८४०९ सिदप्रकरण भाषा १४ हिंदी कौरपाल वानारसी
४०० १६५१
मध्यम
११।।। ४५ १८४१० नयप्रदीप
१९मा उत्तम
११।।। ४५ १८४११ पट्कारक विवरण
.. अमरचंद्र १८४१२ सूरिमंत्रपद्धति-कल्प
२०मा .. ११।। ४५ १८४१३ कर्मनी प्रकृनिनो विचार
११४५ १८४१४ कलीकंडपूजा रत्नत्रयी पूजादि १० सं० नरेन्द्रसेन
१९मी १८४१५ सारस्वत भाष्य
१९मी उनम १८४१६ षट्पंचाशिका सस्नबक ६ सगल भट्टोत्पल
१८मा
१०।।। ४५ १८४१७ स्नात्र-अष्टप्रकारी पूजा - १४ मिश्र०T देवचंद्रजी
१८८८ .. १८.४१८ षटदर्शनसमञ्चय त्रिपाठ, सावचूरि १० सं० हरिभद्रसूरि
११। ४५ १८४१९ पंचतंत्रगतकथा
१९मा .. १८४२० विषापहारस्तोत्र सटीक त्रिपाठ
११४५ १८४२१ भुवनभानुकेवलीचरित्र सस्तवक' २६७ पागल स्न लक्ष्मीलाभ
१८मा मध्यम ११४५ १८४२२ राजप्रश्नीयसूत्र सस्तबक
१८६८ उत्तम १।।४५
१८१८
१९मी
मध्यम
१ मूल रचना स १३५६२ लखता अधरी, ३ पत्र ५८म तथा १९६-१९७ नथा चोटेली छ.
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