________________
मू० २२४
[९७ क्रमांक पुस्तकनु नाम -पत्र भाषा
कर्ता
श्लोकसंख्या रचनास. लेखनस. स्थिति लम्बाई-पहोलाई (८) सिग्घमवहरउ स्तोत्र २४४-२४५ प्रा० जिनदत्तसूरि
१४गा० (९) एगुणत्रीसी भावना २४५-२४६
२९गा० (१०) शीलोपदेशमाला प्रकरण २४६-२५२ .जयकीर्तिसूरि
११६गा० (११) प्रथम, द्वितीय, तृतीय कर्म ग्रन्थ ) २५२-२६० देवेन्द्रसूरि १६९२५ उपदेशमाला प्रकरण सस्तबक ३८ प्रा०गु० मू० धर्मदासगणि
१७१० उत्तमः १०x४|| १६९२६ उपदेशमाला प्रकरण ।
४० प्रा० मू० धर्मदासगणि ५४४गा०,१८००,२५०० १६९२७ शतकचूर्णी
२३२२ १६९२८ लघुनामनिर्णय तृतीयकांड पर्यन्त ९८ सं० भानुचंद्र १६९२९ ऋषिमण्डलप्रकरण सस्तबक ४४ प्रा०गु० मू० धर्मघोषसूरि
.. ९॥ x ४।। १६९३० सारस्वतव्याकरण कृदंतवृत्ति अपूर्ण २-१४ सं०
उत्तम ९।४४|| १६९३१ उपमितिभवप्रपंचा कथा
३७९ , सिद्धर्षि
१६००० ९६२
१०x४|| १६९३२ कर्मप्रकृति सटीक
२१२ प्रा०सं० मू० शिवशर्मसूरि, टी० मलयगिरि
८०००
१८११ , ९||IX४।। १६९३३ योगशास्त्र आद्य चार प्रकाश बाला० सह १४३ संगु० मूoहेमचंद्रसूरि बा० सोमसुंदरसूरि
१६७२ मध्यम ९|1X४। १६९३४ (१) आचारोपदेश सं० चारित्रसुंदर
उत्तम १०x४।। (२) योगष्टिसमुच्चय
हरिभद्रसूरि (३) आत्मानुशासन
पार्श्वनाग
१०० १०४२ (४) योगसार . (५) इष्टोपदेश
१४१ (६) योगप्रदीप १६९३५ सीमधरजिनस्तवन सस्तबक
गु० उ० यशोविजयजी ३५४गा० १७६७
१०।। ४।। १६९३६ दीपालिकाकल्प सस्तबक
, मू० जिनसुंदरसूरिस्त० सुखसागर स्त.१७६३ १७८६ , १०॥X४||
मू०१४८३ १६९३७ तत्त्वातत्त्वविचार
मध्यम १६९३८ भक्तामर स्तोत्र
सं० मानतुंगसूरि
४४का०
जीर्ण १०x४।। १६९३९ कर्मग्रन्थ त्रणरे देवेन्द्रसूरि
१०।। ४।। १६९४० कर्मग्रन्थ चतुर्थ
देवेन्द्रसूरि
८६ गा० १६९४१ सीमंधरस्वामी स्तवन १५मी ढाल सस्तबक ४ गुः उ०यशोविजयजी
उत्तम १०।। ४।।
१. पत्र ९५ मुनथी. २. एकखूणेथी उंदरे खाली छे.
Jan Education international
For Prve & Personal use only