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[७५० *लोकसख्या रचनास, लेखनस. स्थिति लम्बाई- होलाई
क्रमाक
पुस्तकनु नाम
पत्र
भाषा
कता
४ प्रा० जिनमाणिक्य ५ सं०
गा. १९५
१६०४
मध्यम उत्तम
१०।। ४।। १०।।४४||
११
।।
१६२७
मध्यम उत्तम
१० , जयानंदसूरि ११ प्रा०सं० मू० धर्मदास गणि
१०।४४। १०|| ४||
१३ सं०गु धर्मनंदन उपाध्याय
मू० पादलिप्ताचार्य सं० अनुभूतिस्वरूपाचार्य
मू० ४४
८
१६४५६ कुर्मापुत्रकथा १६४५७ (१) चंद्रलेखाकथा ।
(२) मृगसुंदरीकथा ।
(३) रणशूरकथा १६४५८ कुरुचंद्रनृपादिकथा-वसत्यादिदानोपरि १६४५९ स्थूलिभद्र चरित्र १६४६० उपदेशमालाप्रकरण सावचूरि १६४६१ (१) अजितशांतिस्तव अवचूरि'
(२) लघुअजितशांतिस्तव अवचूरि (३) बह अजितशांतिस्तव अवचूरि) (४) जीरावलापार्श्वनाथस्तोत्र अवचूरि |
(५) महावीरस्वामिस्तव सावचूरि १६४६२ सारस्वत व्याकरण पंचसंधि १६४६३ (१) परमाणुविचारषट्त्रिंशिका सटीक
(२) पुद्गलषटत्रिंशिका सटीक (३) निगोदषट्त्रिंशिका सटीक (४) बंधषट्त्रिंशिका सटीक (५) भवस्थितिस्तव (६) देहस्थितिस्तव (७) योनिस्तव (८) लोकांतिकदेवस्तव
(९) लब्धिस्तव अपूर्ण १६४६४ सारस्वत व्याकरण १६४६५ आचारोपदेश १६४६६ आलापपद्धति १६४६७ विचारामृतसंग्रह १६४६८ पंचदर्शनरहस्योपनिषद्
१०x४।। १०।। ४।।
१० सं०प्रा० धर्मघोषसूरि
१६५१
सं० अनुभूतिस्वरूपाचार्य
चारित्रसुंदर देवसेन दिगंबर कुलमंडनसूरि
१०। ४। 2011 XX1 १०।। ४।।
१७७१ १४८७
२६३५
:
१. जयशेखर कृत अजितशांतिस्तवननी अवचूरि. २. अध्याय ५.५, ४० मो.
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