________________
क्रमांक
पुस्तकनु नाम
पत्र
भाषा
कर्ता
*लोकसरूया रचनाम. लेखनस, स्थिति लम्बाई-पहोलार
गु ग
१८१५ सारी
१०४४।।
२. पुण्यछत्रीशी
३. कर्मछत्रीसी । १६२८८ सीमंधरजिन १२५ गाथा- स्तवन १६२८९ १. नेमिजिनस्तुति
२. धनाअणगारस्वाध्याय । १६२९० नेमिजिनफाग-शीलरक्षाप्रकाशरास १६२९१ सुरप्रियकुमाररास १६२९२ १. शंखेश्वर पार्श्वनाथ स्तवन ।
२ स्तुति नमस्कारादि संग्रह , १६२९३ साधुवंदना १६२९४ उपधानविधिस्तवन १६२९५ अनेकार्थसंग्रह टिप्पणीसह पंचपाठ १६२९६ साधुवंदना
समयसुंदर समयसुंदर उ, यशोविजयजी गुणविजय लक्ष्मीरुचि विजयदेवसूरि (पार्श्वचंद्रीय) लक्ष्मीरत्नसूरि
गा. १३०
गा, ४ गा. १५
गा. ६९
जीर्णप्राय १०।। ४४।। सारी १०४ ४।।।
१०।४४॥
१०x४।।।
नयविमल (ज्ञानविमल)
उ. विनयविजय सं. हेमचंद्राचार्य गु नयविमल (ज्ञानविमल)
७०५१७८२ गा. २६
१०।। ४४।। १०x४।।
गा ५०७ १७८२
६५५ (१७२८?) गा. ९४ १७४२
सारी
१०x४||
मा ९४१ १६१२
गा ७०४ १६१७
९।।। x ४।। १०x४|| १०।। ४।।
मध्यम सारी
११५० १७६३ १७६६
१६२९७ गजसुकुमालरास १६२९८ सूरसेनरास-जीवदयाविषये १६२९९ चतुर्विंशतिजिनगीत १६३०० ढोलामारुचतुष्पदी १६३०१ श्रुतविचार १६३०२ नवतत्त्वरास १६३०३ पार्श्व-वीरजिनस्तवन १६३०४ पाचकुगुरुसज्झाय आदि सज्झायो १६३०५ त्रिभुवनदीपकप्रबंध १६३०६ उत्तराध्ययनसूत्र सटीक सुखबोधावृत्ति १६३०७ कल्पकिरणावली सटीक त्रिपाठ १६३०८ कल्पकिरणावली सटीक त्रिपाठ.३ १६३०९ उत्तराध्ययनसूत्र सस्तबक
गु शुभवर्धनशिष्य
हर्षराज पंडित जिनराजसूरि
कुशललाभ ४२ प्रा.सं.गु सहजकुशल ३८ गु ऋषभकवि ३ ., ज्ञानविमलसूरि ७ .. उ यशोविजयजी
जयशेखरसूरि २३९ प्रा.स. टी नेमिचंद्रसूरि २१३ , टी धर्मसागरोपाध्याय १५४ ... . २६१ प्रा गु,
१०।11X ४।। १०। ४४| १०।। x ४||
४१८ १४७५० व ११२९ १६६६
१६९०
१०।४४।। जीर्ण १०x४। सारी
१. अतिशुद्ध खुणेथी उधइए खाधेली २. श्रीज्ञानविमलसूरिए स्वहस्ते लखेली. ३. चोटेली ४. माणिक्यशेखरी दीपिकानुसारी
Jan Education international
For Private &Personal use only