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________________ पाटण श्रीहेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमन्दिरस्थित तपगच्छ जैन ज्ञानभण्डारना हस्तलिखित ग्रन्थोनुं सूचिपत्र - द्वितीयो विभागः [३८ पुस्तकनु नाम पत्र भाषा का लोकसंख्या रचनास. लेखनस, स्थिति लम्बाई-पहोलाई | क्रमाक २.कर्मस्तव कर्मग्रन्थ १६मो उत्तम १० x ४|| ३. बन्धस्वामित्व कर्मग्रन्थ । ५४ १५६५६ आगमसार ४६ गु. देवचन्द्रजी २,००० १९मो .. १०।४४|| १५६५७ सुमतिनाथचरित्र २४३ प्रा. सोमप्रभाचार्य ९.८२१ १८१४ । १०४४॥ १५६५८ उत्तराध्ययनसूत्र सस्तबक २७४ प्रा.गु. १८०१ . १०।।४४|| १५६५९ जम्बूस्वामिचरित्र सस्तबक ५३ प्रा.गु. मू. पद्मसुन्दरोपाध्याय १८०७ उत्तम १० x ४॥ १५६६० सम्बोधसप्ततिका सस्तबक २५ . स्त. जयसोम १९मो मध्यम P01 X YILI १५६६१ देववन्दनादिभाष्यत्रय बालावबोधसह त्रिपाठ४१ . म. देवेन्द्रसूरि, स्त. ज्ञानविमलसूरि १५०० स्त.१७५८ १८२१उत्तम १०x४| १५६६२ षडावश्यकसूत्र सस्तबक' १४४ प्रा.स.गु स्त. जिनविजय १७५१ १८३० मध्यम १०1४ ४।। १५६६३ शोभनस्तुति सटीक ७३ सं. मू. शोभनमुनि, टी. जयविजय २,३५० टी. १७२३ १८मो १०x४। १५६६४ क्षेत्रसमासप्रकरण बालावबोधसह ९८ प्रा.गु. मू रलशेखरसूरि बा, दयासिंहगणि ४,८६७ १७९९ उत्तम १०x४॥ १५६६५ योगशास्त्र बालावबोधसह अपूर्ण ६२ संगु मू हेमचन्द्राचार्य, बा, सोमसुन्दरगणि १७मो १०।४४|| १५६६६ उपदेशमालाप्रकरण सस्तबक १७२ प्रा.गु. मू. धर्मदासगणि १७२७ , ९||| ४|| १५६६७ शत्रुञ्जयमाहात्म्य १९८ सं. धनेश्वरसूरि १७३९ । १०।।। ४५ १५६६८ वर्धमानदेशना प्राकृत गाथाबद्ध १४९ प्रा. शुभवर्धन १५५२ १७मो मध्यम १०।। ४।। १५६६९ दशवैकालिकसूत्र ८ . शय्यम्भवसूरि ७०० १६मो जीर्ण १०।।४४|| १५६७० कल्पान्तर्वाच्य ६-९२ सं. १७मो उत्तम १०।। x ४/ १५६७१ कल्पसूत्र सुबोधिकाटीका सह त्रिपाठ २१० प्रा.सं. टी उपा. विनयविजयजी उभय ६.६१६, टी. १६९६ १८२० . १०।। ४।। 'टी. ५४०० १५६७२ गदनिग्रह ३५५ सं. सोढल वैद्य १२,४०८ १०।। x ४|| १५६७३ कातन्वव्याकरणचतुष्कवृत्तिटिप्पनिका गोल्हणटीका अपूर्ण गोवर्धन पण्डित १६मो जीर्णप्राय १०।। ४।। १५६७४ क्रियारत्नसमुच्चय गुणरत्नसूरि ५.७७८ १४६६ १४७३ . १०।। ४।। १५६७५ शब्दप्रभेद टिप्पणीसह महेश्वरसूरि १६मो मध्यम १०।। ४।। १५६७६ शब्दसंचय सावचूरि पञ्चपाठ १५०१ उत्तम १०11 x ४॥ १५६७७ हेमविभ्रम सावचूरि पञ्चपाठ अव. गुणचन्द्रसूरि १६मो .. १०॥४४॥ १५६७८ पञ्चदर्शनरहस्यवेदनोपनिषद् अपूर्ण १०1४४|| १५६७९ सारस्वतव्याकरणदीपिकाख्या चन्द्रकीर्तिटीका .. चन्द्रकीर्तिसूरि ७,५०० १७३२ १० x ४॥ १०९ १. प्रति शद्ध करेली छे. २. पत्र २३९ डबल छे... पत्र ११८मुं अने १२०९ डबल छे. ४. प्रति चोटेली . पत्र २५मु नथी ५. पत्र ६६-६७ भेगा छे अने पत्र ९९मु डबल छे Jan Education International For Private & Personal use only
SR No.018046
Book TitleCatalogue of Manuscripts of Patana Jain Bhandara 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Jambuvijay
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1991
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size13 MB
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