________________
, " ,
14 26 27
धनेश्वरसूरि [राजशेखर] मिथ्यात्व०
धनेश्वरसूरि (? श्रीचन्द्रसूरि) [देवभद्र ?] मिथ्यात्व [ तिमिर ].
प०
४
363
वृत्ति
०वृत्ति (मु०) (मु०) [लवु]
[लघु]
40
10
135
, 25 17 24 25 33 29 20 35 10 43 18
, 30 45 11 56 27
०व्यया. दुस(ज). नियम...
सोदर्यः श्री. जिनेश्वरसूरि सन्त० सत्ययोवि(वि)
व्यया(व्यपेता). दु(स)ज. नि(जि)यम... सोदयः(य)श्री. जिनरत्नाचार्य सन्त(स्तात्त). सत्पयोवि०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org