________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatith.org
Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir
अनुक्रमणिका
मंगलकामना
प्रकाशकीय...........
श्री पद्मसागरसूरि म.सा. की दीक्षा पर्याय के स्वर्णिम ५० वर्ष ......
प्राक्कथन.
..............
...........
कैलास श्रुतसागर सूची प्रकाशन की रूपरेखा .. प्रस्तुत हस्तप्रत सूचीगत सूचनाओं का स्पष्टीकरण .. हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य .. प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत .... अनुक्रमणिका
हस्तप्रत सूची..
...१-४९७
परिशिष्ट: कृति परिवार की मूल कृति के अकारादि क्रम से... ....
.४९८-४९९
...५००-५५९
१. प्रत-पेटा कृति क्रमांक सूची
(संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंशादि) २. प्रत-पेटा कृति क्रमांक सूची (मा.गु., प्राचीन हिन्दी, राजस्थानी आदि)........
............५६०-५९०
प्रस्तुत सूची पत्र में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. 0 प्रत क्रमांक - ९३१५ से १३८२५. 0 इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किया होने से वास्तविक रूप से
३८६० प्रतों का समावेश इस खंड में हुआ है. ० समाविष्ट प्रतों में कुल २३९० कृति परिवारों का समावेश हुआ है. ० इन परिवारों की कुल ३५८५ कृतियों का समावेश हुआ है. 0 उपरोक्त कृतियाँ प्रतों में कुल ७६४४ बार आई हैं.
S
For Private And Personal Use Only