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४६९९०
८०८५७)
४७४
कैलास श्रुतसागर ग्रंथ सूची १.१.२ १४९०-५, ९०९०-३, ५६५०-२६)
ग्रं.४७५, वि. १६८७, गद्य, मूपू., (नत्वा जिनं) ४०१४ भक्तामर स्तोत्र, आ. मानतुङ्गसूरि, सं., श्लोक ४४+४, ग्रं.७७, (२) भक्तामर स्तोत्र-अवचूरि, सं., गद्य, मूपू., (भक्ता अमरा)
पद्य, मूपू., (भक्तामरप्र) २५९-१(+), २६०), २६१(+), १००९(+), २२८२(+), ३३०३(#5) १५६८-१(+), २१०९(+), २६२६-५५(), २८२३(+), ३६२९(+). (२) भक्तामर स्तोत्र-अवचूर्णि, सं., गद्य, मूपू., (किल इति सत) ३८९३६), ३९४४(+), ४२८४(+), ६०८३-३(+), ६३४६(५), ६४०९(+), ८८३३(+) ७५५१-४(+), ७७२३-२(+), ७९६३(+), ८७१६(+), ८८३३(+), १४८५- (२) भक्तामर स्तोत्र-भाषानुवाद, मु. हेमराज, मागु., गा. ४८, पद्य, ११(+), २१०४(+), २२१३(+), २२८२(+), २९३९(+), ४१३३(+), मूपू., (आदि पुरूष) ९७२), ४३४०, ४४२५-१, ६०५९-१७, ४३२९(+), ४४७१(+), ४५५७), ५३३५(+), ७५८६६), २१२१#), ६०६०-८() ५५१८(+), २९९७-२८+5). २४५२-२+5), २८४०-१६+६). (२) भक्तामर स्तोत्र-वार्तिक, मागु., गद्य, मूपू., (वरदां शारद) ४६३१(45), ७१३८(+६), ८२८०+६), १०५६(+), ६९६७(+६), १३१६, १३८६, १७८६-१, १८९९, २०९८, ३२३१, ३४४९, ४०१४, (२) भक्तामर स्तोत्र-बालावबोध, गणि मेरुसुन्दर, मागु., गद्य, ४३१८, ४४२३, ४४२५-२,५२३२, ५२३८-१, ५२४६, ५३५९, मूपू., (वर वाण किल) ४१३३(+), ५३३५(+). १८९९, ४४२३, ५४९०-४१, ५६२९, ५८२७-८३, ५९७३, ६०११-१२, ६०९३-१, ५६२९, ७९७४, ४९९२, ६५०२), ५८०२-१(5) ६१७८, ६५५६, ७५०८-१, ७५९२, ७८१०-१, ७९७४, ९०९१, (२) भक्तामर स्तोत्र-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., (जिनपादयुगं) २३५८, २६०६, ४९९२, ५५११, ६३५५, ७८७३-१, ९०४०,
८९८८(45) २११०, ८३०, ९१४५, ८३५९, २११५६), ६५०२५), ३०३७(१), (२) भक्तामर स्तोत्र-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., (प्रथम जीने) २९००(45), ३३०३(45), २०९१-१(s), ३३५०-१(s), ५४८९-९६), ५८०२-१९६), ६७८१-१(७), ७३८९-२(s), ७५५३-१(s), ७९००-३(s), (२) भक्तामर स्तोत्र-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू.. (भक्त जे अम) ३१८०७), ६३२०-१६), ७१५८(5), ८०८५(७), ६०१८-१९७).
१०५६(+) ७६५५७), ४६९९०)
(२) भक्तामर स्तोत्र-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., (भक्त जे से) (२) भक्तामर स्तोत्र-गुणाकरीय टीका, आ. गुणाकरसूरि, सं.,
७५०८-१ ग्रं.१५७२, वि. १४२६, गद्य, पू., (पूजाज्ञानव) २६०+). | (२) भक्तामर स्तोत्र-बालावबोध, मु. शुभवर्द्धन, मागु., वि. १२०२,
२६१), २८२३६), ८७१६६५), २०९८, ५२४३, ५३५९, ३१८०(5) ___ गद्य, मूपू., (श्रीमदादिज) ५२४६ (२) भक्तामर स्तोत्र-टीका, सं., गद्य, मूपू., (किल इति सत) (२) भक्तामर स्तोत्र-टबार्थ', मागु., गद्य, मूपू.. (भक्त जे अम) ४७०१, ५८८६, ९१४५
___३९४४(+), ४२८४(+), २१०४(+), ४५५७+), ५३३५९), ४६३१+5), (३) भक्तामर स्तोत्र-टीका का अर्थ, मागु., गद्य, मूपू.. (किल सइ ७९७४, ७८७३-१, ७६५५६६ साच) ५८८६
(२) भक्तामर स्तोत्र-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (भक्तिवन्त) (२) भक्तामर स्तोत्र-टीका, सं., गद्य, मूपू., (भव्यव्राता) ४३२९), २२१३(+), २१२१(+), ५५१८+#), ७१३८(5), ६९६७+5), ७८१०८२८०+६)
१, ९०९१, २३५८, ६३५५, २११०, ३०३७), ३३५०-१७) (२) भक्तामर स्तोत्र-टीका, मु. रायमल्ल ब्रह्म, सं., वि. १६६७, (२) भक्तामर स्तोत्र-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (भगत कहिये) गद्य, दि., (श्रीवर्द्ध) १००९(+)
१३८६ (२) भक्तामर स्तोत्र-बालहितैषिणी टीका, मु. कनककुशल, सं., (२) भक्तामर स्तोत्र-टबार्थ, मागु., गद्य, मूपू., (सेवक अमर)
ग्रं.६९३, वि. १६५२, गद्य, मूपू., (प्रणम्य पर) ३६२९(+. ७७२३- ४४७१(+), ४३१८ २), ८३५९
(२) भक्तामर स्तोत्र-टबार्थ, पं. उदयसागर गणि, राज., गद्य, (२) भक्तामर स्तोत्र-सुखबोधिका टीका, आ. अमरप्रभसूरि, सं., मूपू.. (अथ श्रीभक) ३८९३(+)
गद्य, मूपू., (किल इति नि) २१०९(+), ६३४६), ७९६३(+). (२) भक्तामर स्तोत्र-टबार्थ, मु. रूपचन्द्र, मागु., गद्य, मूपू., (-) ५९७३, २६०६, २११५(१),७१५८(5)
६३२०-१(5) (२) भक्तामर स्तोत्र-सुबोधिका टीका, सं., गद्य, मूपू.,
(२) भक्तामर स्तोत्र-शेषकाव्य, आ. मानतुङ्गसूरि, सं., श्लोक ४, (नाभेयादिजि) ३४४९, ६५५६
पद्य, मूपू.. (गम्भीरतारर) ८८७३-२ (२) भक्तामर स्तोत्र-सुबोधिका टीका, उपा. समयसुन्दर गणि, सं., | (२) भक्तामर स्तोत्र यन्त्रमन्त्राम्नाय-पञ्चांगपद्धति विवरण, आ.
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