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७०८०६)
संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट-१ ४६१ धर्मोपदेशशतक, आ. मेरुतुङ्गसूरि, सं., सर्ग ५, श्लोक १०६, (२) नन्दीसूत्र-बालावबोध', मागु., गद्य, मूपू., (अथ नन्दि) ७६
ग्रं.७४८, पद्य, मूपू., (प्रणिधाय) ८३३२-१(45), ८३३२-२(45) १(+),७७-१(+).३३४५(45). ३५२०-१, ७०२-१, ४१०१, (२) धर्मोपदेशशतक-स्वोपज्ञ टीका, आ. मेरुतुङ्गसूरि, सं.,
ग्रं.३२७४, गद्य, मूपू., (जयति स परम) ८३३२-२(45) (२) नन्दीसूत्र-टबार्थ', मागु., गद्य, मूपू., (नन्दी ते) ८५७-१(4), धातुरत्नाकर, उपा. साधुसुन्दर, सं., वि. १६८०, पद्य, मूपू., (श्रीदं १७५६(+), ४०७८-१(+), ७५-१, ४४२०-१, ५४९४, २६२२-१, स्त) ७९५३(45)
८३९४-१, ५३७६ (-) (२) क्रियाकल्पलता-स्वोपज्ञ टीका, उपा. साधुसुन्दर, सं., वि. (२) नन्दीसूत्र-कथा सङ्ग्रह', मागु., गद्य, मूपू., (नन्दनं नन) १६८०, गद्य, मूपू., (श्रीमान्) ७९५३(45)
__३३४५६), ७५-१, ५४९४ धातुविभक्ति, सं., गद्य, मूपू., (श्रीपञ्चमा) ८२३५-२(७)
(२) नन्दीसूत्र-यन्त्र बोल, मागु., गद्य, मूपू., (नन्दी क०) ४६७५६) धारणा प्रत्याख्यानसूत्र, प्रा., गद्य, जै., (अरिहन्तसक) ४०५६-२६) (२) नन्दीसूत्र-स्थविरावली, आ. देववाचक, प्रा., गा. ५०, पद्य, धीर कथा, सं., गद्य, जै., (प्रियमप्यप) २८८०-३
मूपू., (जयइजगजीवजो) १३४७-१, ८१८७-१९७), २४७८-१(5) धूर्ताख्यान, आ. हरिभद्रसूरि, प्रा., पद्य, मूपू., (नमिऊण जिणव) नमस्कार महामन्त्र, प्रा., ९ पद, पद्य, मूपू., (नमो अरिहन) ५६८६
३३५७), ६०९१-१(+), ५६६२, ६११६, २२८०, ५२०२-१९), (२) धूर्ताख्यान-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., (सदुपनिषदने) १७८७-५() ५१२०()
(२) नमस्कार महामन्त्र-अर्थ, मागु., गद्य, मूपू., (माहरओ नमस) नक्षत्रमाला विधान, मु. परमकीर्ति, सं., श्लोक २८, पद्य, दि., १७८७-५(३) (चतुर्विंशत) ६००२-८(4)
(२) नमस्कार महामन्त्र-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., नक्षत्रलिङ्ग विचार, सं., श्लोक १, पद्य, (आद्रादौ दस) ५८८०-१ | (पञ्चपरमेष) ५६६२ नदीक्षार श्लोक, सं., श्लोक १, पद्य, (क्षारं नदि) २४७९-२ (२) नमस्कार महामन्त्र-बालावबोध', मागु., गद्य, मूपू., (बारसगुण नन्दीश्वरपति विधान, सं., श्लोक ५१, पद्य, दि., (जिनान् नत) | अर) ३३५७+), ४१०२(+), ५२०२-१(१) ६००२-६(4)
(२) नमस्कार महामन्त्र-बालावबोध', मागु., गद्य, मूपू., (माहरउ नन्दीश्वरविधान कथा, सं., गद्य, मूपू., (पान्तु श्र) ८९२२-१
नमस) ६११६, २२८० नन्दीसूत्र, आ. देववाचक, प्रा., गा. ७००, प+ग, मूपू., (जयइ (२) नमस्कार महामन्त्र-बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., (माहरो
जगजीवज) ७६-१(+), ७०७-१(+), ७१२(+), ७१३-१(+), ८५७- नमस) ४६९१-३(4) १(+), १७५६(+), २७२५-१(+), ४०७८-१(+), ९१९८-१(+), ५८५२), | (२) नमस्कार महामन्त्र-सज्झाय, मागु., गा. ८, पद्य, मूपू., (पो १६३५-१(+), ७७-१14), ४४४७(45), ७१४६+६), ७९७८(45),
सम उठा) ६०६४-८६६) २४०१(45), ३३४५(45), ७५-१, १६३८, १७६२, ३५२०-१, ४०४६- | (२) नमस्कार महामन्त्र आम्नाय, सं.,मागु., गद्य, मूपू., (ॐ ह्रीं) १,४४२०-१,५४९४, ५७२३, ६७१९, ८३८२-१,८३९४-१,
६२७९-६(4) ९०९३, २६२२-१, ६५७९, ७०२-१, ४६७७, २०७३(45), ५३७६ (-) | नमस्कारमहामन्त्र कल्प, सं., गद्य, मूपू., (पञ्चादिपदा) ३९७० १३६३(७), ३२१८(5), ४१०१(७, ७०८०(5)
नमस्कारमहामन्त्र गुणनफल गाथा, सं.,प्रा., पद्य, मूपू., (२) नन्दीसूत्र-टीका, आ. मलयगिरिसूरि , सं., ग्रं.७७३२, गद्य, (नमस्कारस्य) ५५७८-२ मूपू., (जयति भुवनै) ३६४७(45)
नमस्कारमहामन्त्रमाहात्म्य कथा सङ्ग्रह, सं., श्लोक ४५, पद्य, (२) नन्दीसूत्र-टीका, आ. हरिभद्रसूरि, सं., ग्रं.२३३६, गद्य, मूपू., जै., (परत्रापि) ८९८१-४(+7, ५५७८-१ (जयति भुवनै) ७०७-१(+), ४१८३(45)
नमस्कार महामन्त्र स्मरण, मागु.,प्रा., गद्य, मूपू., (हिव आपणा) (३) नन्दीसूत्र-हरिभद्रीय टीका का विषमपदटिप्पन, आ.
९०९०-५ चन्द्रकीर्तिसूरि, सं., गद्य, मूपू.. (पंक्ति २) ३४७२-१+) नमस्कारमाहात्म्य श्लोक, सं., श्लोक १, पद्य, मूपू.. (नमस्कार (३) नन्दीसूत्र-वृत्ति का बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., (-)
सम) ५८२७-२९
नमिऊण स्तोत्र, आ. मानतुङ्गसूरि, प्रा., गा. २४, पद्य, मूपू., (२) नन्दीसूत्र-अवचूरि, सं., ग्रं. १७००, गद्य, पू., (जयतीति) (नमिऊण पणयस) ४४५२-१(+), ६३३७-६(+), १७८९-२, २५०३
१,५४४२-८, १७९६-४, ७९००-२(5)
३६४७+5
७१३-१(+)
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