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अनुक्रमणिका
मंगलकामना ......
प्रकाशकीय. श्री पद्मसागरसूरि म.सा. की दीक्षा पर्याय के स्वर्णिम ५० वर्ष ..
प्राक्कथन.
कैलास श्रुतसागर सूची प्रकाशन की रूपरेखा .................... प्रस्तुत हस्तप्रत सूचीगत सूचनाओं का स्पष्टीकरण ...............
प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत ............
हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य..........
........12
अनुक्रमणिका ..........
..............13
हस्तप्रत सूची ..............
.......................
१-४२३ परिशिष्टः कृति परिवार की मूल कृति के अकारादि क्रम से.....................
.......४२४-४२५ १. कृति नाम से प्रत-पेटा कृति क्रमांक सूची (संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंशादि) .......
.....४२६-५०१ २. कृति नाम से प्रत-पेटा कृति क्रमांक सूची (मा.गु., प्राचीन हिन्दी, राजस्थानी आदि)
............................................५०२-५८९
प्रस्तुत सूची पत्र में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. 0 प्रत क्रमांक - ५५८६ से ९३१४. ० इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किया होने से वास्तविक रूप से २५४९ प्रतों का
समावेश इस खंड में हुआ है. ० समाविष्ट प्रतों में कुल ३०२९ कृति परिवारों का समावेश हुआ है. 0 इन परिवारों की कुल ३७९२ कृतियों का समावेश हुआ है. ० उपरोक्त कृतियाँ प्रतों में कुल ६६६६ बार आई हैं.
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