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हस्तप्रत सूचिपत्र-परिशिष्ट-३, लेखनवर्षक्रमानुक्रमणिका
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१८३९७ रामविनोद ज्योतिष सारणी १६४४९ रूपदीपक (पिंगल) १६३६१ रोटला-भातपाणीनु प्रभातियुं १८७३१ लघु क्षेत्र समास प्रकरण १७५२६/३ लघु शांति स्तोत्र १८७३०/२ लघु शांति स्तोत्र १८९९६ लघु शांति स्नात्र विधि १८३००/२ लघुशांति स्तोत्र १७६३२/२ लघुसंग्रहणी १८६३६/१ लीलावती सुमतिविलास रास १८५२१
लुंपक लोपक रास १७८६५ लोकनालि द्वात्रिंशिका १८५०३ लोकनालिका द्वात्रिंशिका १६३८२ लोढाणपार्श्वजिनजन्ममहोत्सव ढाल १८२६०/९ लोंबडी (कामली) भास १८६२५ वरदत्त गुणमंजरी कथा १७९२४/३ वर्धमान जिन स्तवन १६९०१ वर्धमान दंशना १७५२० वसुधारा १८०७६ वसुधारा १५३७२ वस्तुपाल तेजपाल रास १८५५५ वाक्य सुधा १७६८६ वाक्यप्रकाश औक्तिक १८३२७ वाग्भटालंकार (पंचमपरिच्छेदपर्यंत) १५३३४ वाराआरानुं स्तवन १६३६६/५ वालिम मंडन नेमनाथ स्तवन १८२११ विक्रमराजा रास १८५९७ विचारपंचाशिका १६७३१ विचारषट्वंशिका (दंडक) प्रकरण १७९९४ विचारसार बालावबोध-गय १८२६०/४ विजय शेठ विजया शेठाणी सज्झाय १८२६०/१६ विजयदेवसूरि गीत-स्वाध्याय १८३०३/१२ विजयशेठ-विजयाशेठाणी सज्झाय १८२६०/७ विजयसिंह सूरि भास १८२६०/८ विजयसिंह सूरि भास १८२६०/२७ विजयसिंह सूरि सज्झाय १८४२१ विद्वद् भूषण
विनयकीर्तिसूरिनी सज्झाय १७१४६ विपाक सूत्र १७२३३ विपाक सूत्र
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१७२३४ विपाक सूत्र २ जा अध्ययन पर्यंत १८५२३ विमलाचल तीर्थमाला स्तवन १८८१६/१ विवाह विधि १६५९९ विवेक वणझारो (अपूर्ण) १८२८९ विष्णु सहस्र नाम स्तोत्र १७५११ वीतराग स्तोत्र १७९२४/७ वीर जिन स्तवन १८७१९ वीर निर्वाण-दीवाली स्तवन १६३८५/२ वीर स्तवन १८५३९ वीर स्तवन-ज्ञानादिनयमतगर्भित १६३७१ वीरजिन पंचकल्याक स्तवन १८६१३ वीरजिन पंचकल्याणक स्तचवन . १८५७४ वीरजिन पंचकल्याणक स्तवन १५३४० वीरजिन स्तवन १६७७३/२२ वीरजिनेश्वर साधु सज्झाय १५३२३/७ वीरवीर्य १५३३० वीसविहरमान जिन स्तुति
बीसविहरमान स्तोत्र १८३२५ वृत्त रत्नाकर छंदःशास्त्र १८३२६ वृत्त रत्नाकर छंदःशास्त्र १८३५१ वैद्यक-क्वाथाधिकार १६८१९ वैराग्य पचीसी - १६४०९ वैराग्य पद १८२६०/६ वैराग्य सज्झाय १६७७३/३६ वैराग्य स्वाध्याय १८२२१ व्याख्यान काव्य १६३९८
वंदित्तुसूत्र १६७५२ शकु नावली (त्रुटक) १८९८३ शत श्लोकी (वैधक) १८९२३ शतक (पंचम कर्मग्रंथ) १७८७० शतक (पंचम) कर्मग्रंथ १५३९२ शत्रुजय उद्दार १७५८९ शजय लघु कल्प १६५००
शत्रुजय विनति १८३०३/२४ शत्रुजय स्तवन १८३०३/३४ शजय स्तवन १८३०३/६३ शत्रुजय स्तवन १५२४९ शर्बुजयरास १८९५९/४ शनीश्चर छंद अपूर्ण १६४४५ शालिभद्रगोभद्र वर्णन सज्झाय
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