________________
क्रम रजी. क्रमांक ग्रंथनाम ३६२/१७३१२ | आत्मप्रबोध
लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर ___ पत्र भाषा विषय ग्रंथकार
प्रमाण १७८ सं. उपदेश जिनलाभसूरि
२२ गु.
उपदेश
४२९
कडी - २१
| पासचंद प्रेमविजय
4
दू. १८५
सज्झाय उपदेश उपदेश उपदेश उपदेश
1008
३६६/१७९३३
गा. १८९
.0
प्रीतविजय
गा.८
4
गा. १३ गा. १६
अध्यात्म
4.
गीत
4.
कवियण पदमसुंदर दीपविजय रत्नसूरि कविनरपति
गा७
गा. ३२ मी
.04. cc 04
गीत प्रा. उपदेश ग. उपदेश
अध्यात्म
उपदेश गु. स्तुति
उपदेश
गा.१८१
लालविजय
बीजक ३६३ १७६९२ आत्मबोध वचनिका ३६४|१६७७३/५४ | आत्मशिक्षा गीत ३६५ १७६८८ आत्मशिक्षा भावना
आत्मशिक्षा भावना ३६७/१८६९८/१ | आत्मशिक्षा स्वाध्याय ३६८/१५५५७/४ | आत्मशिक्षापना भास सज्झाय ३६९ १५५५७/१ आत्मशिक्षापना सज्झाय ३७० १८३०३/५८ | आत्महित सज्झाय ३७१ १६७६८/८ आत्महित स्वाध्याय ३७२ १६१३३/१ | आत्महितोपदेश कुलक ३७३/१५७६९/३ | आत्माना असुख परिक्रम ३७४ १५७२७ | आत्मानी आत्मता (आत्माना गुणो) ३७५/१६०२५ आत्मोपदेशमाला प्रकरण ३७६/१६५७४ आदरियाणांमंडन वर्धमानजिन स्तवन ३७७/१८००२/३ आदि उद्धार सूत्र ३७८ १६९९१ आदि जिन वीनती स्तवन ३७९ १६८११/२ आदि, अजित, शांतिजिन स्तवन ३८० १५५४०/७ आदिजिन पद ३८१ १५५४०/८ आदिजिन पद ३८२/१६४४८ आदिजिन विनति ३८३ १५३१८/४ आदिजिन स्तवन ३८४|१५३४५ । |आदिजिन स्तवन ३८५ १६४५०/१९ | आदिजिन स्तवन ३८६ १६१५६ आदिजिन स्तवन (राणिकपुर मंडन) ३८७/१८१९०/६ |आदिजिन स्तवन-(आबूगिरि मंडन)| ३८८/१८५१४/१ आदिजिन स्तवन-राणकपुर मंडन
आदिजिनस्तवन ३९०/१५८९८ आदिजिनस्तवन (देलाउलामंडन)
अवचूरि
गा. ८६
स्तुति
4.00
4.
स्तुति स्तुति स्तुति
गा. १९
4.
स्तुति
स्तुति
विनयविजय उपा. पार्श्वचंद्रसूरि
गा.९ कडी-३
कडी-३ जिनहर्ष अनुपचंद
गा.५ जिनसुंदरसूरि
गा. २८ रूपविजय
कडी विशालमूर्ति पंडित शिष्य गा. ५४ अमृतधर्मगणि
गा. ११ ठाकुरजी ज्ञानविमलसूरि गा. ६३ | शुभसुंदर
गा. २२
. 44
स्तुति स्तुति
स्तुति स्तुति स्तुति
गा.६
३८९/१५७८१/१
स्तुति
Jain Education International
30 For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org