________________
क्रम रजी. क्रमांक ग्रंथनाम ३५३१/१८१३६ |वच्छराज देवराज रास ३५३२|१६६१६ वज्जालग्ग प्रज्ञप्ति ३५३३ १५२०२ वज्जालयं
लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर पत्र भाषा विषय ग्रंथकार
प्रमाण गु. चरित्र प्रा. सुभाषित सुभाषित जयवल्लभगणि
३०००
छाया
६९९
गा.८
३ जुं सं. २-१२२ सं.
३५३४ १७२७० | वजकुमार कथा ३५३५ १६३७८/३ | वज्रपंजर कवच ३५३६/१६२३७ वत्सराजनृप प्रबंध ૩૬૩૭૪૮૮૬૬ वनस्पति सप्ततिका
स्तबक ३५३८ १६४०७ वयरस्वामी दीक्षा रंगतरंग ३५३९/१८६२५ वरदत्त गुणमंजरी कथा
चरित्र स्तोत्र कथा तत्त्वज्ञान
गा. २४८२
धर्मसुंदर सूरि | मुनिचंद्रसूरि
गा.७७
| तेजप्रतापसेवक
चरित्र कथा
कनककुशल
स्तबक
३५४० १८६३१
| वरदत्त गुणमंजरी कथा
१४/सं.
कथा
कनककुशल
१५०
स्तबक
३५४११५५०५/१
कथा
| जिनविजय
३५४२ १८६६६
सं.
चरित्र
कनककुशल
| वरदत्त गुणमंजरी कथा (पद्य) | वरदत्त गुणमंजरी कथा (सौभाग्य पं.) स्तबक वरसपरिमाण
३५४३/१६६१२
२ प्रा.गु. भविष्यफल |
३५४४|१६०८१ वर्णकसंग्रह (प्रास्ताविक-सुभाषितादि) ३५४५ १६९९८/४ वर्तमान चोवीस जिन नाम ३५४६ १५९२३ वर्द्धमानजिनस्तवन ३५४७/१७९२४/३ वर्धमान जिन स्तवन ३५४८ १७२५६ | वर्धमान देशना गद्य
गु. उपदेश गु. प्रकीर्णक
स्तोत्र
जिनहर्ष
गा. २८
स्तुति
म
गा.६६
सकलचंद्र राजकीर्ति गणि
१८४ सं.
उपदेश
३५४९ १७२६५
सं.
उपदेश
राजकीर्ति गणि खरतर शुभवर्धन गणि
उपदेश
उपदेश
३५५० १७२६८ ३५५१ १६९०१ ३५५२ १५४०५ ३५५३ १५६२८ ३५५४ १६१४१/१
वर्धमान देशना गद्य वर्धमान देशना-प्रथम उल्लास पर्यंत वर्धमान दंशना | वर्धमानजिनदेलि वर्धमानजिनस्तवन | वर्धमानस्वामी स्तवन (गणधर प्रबोध)
स्तुति
गु. १-२ गु.
| सकलचंद्रमुनि स्तुति सकलचंद्र स्तुतिउपदेश सकलचंद्रमुनि
गा.६६
गा. ४७
290 For Private & Personal Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org