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क्रम रजी. क्रमांक ग्रंथनाम
लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर पत्र भाषा विषय ग्रंथकार
प्रमाण १३ राज. शृंगार पृथ्वीराज
१०१४|१८७३२
कृष्ण रुक्मिणी वेली-(पृथ्वीराज वेली)
ज्ञानविमल
दू. १७
१६८
मक्तिसागर मुक्तिसागर
| गा. ६९
६८, ग्रं. ३५०
| केशवदास
गा.३२
१०१५/१८३०३/६५ | कृष्ण-शुक्ल पक्ष पंदर तिथि स्तुति | ८९-९४ गु. गीत १०१६१८२७७/६ | केवल वाणी
११-१२ गु. उपदेश १०१७/१८४३३/३ केवल सत्ता बावनी
१६-२३/ हिं. उपदेश १०१८/१५३४७ केवली तीर्थकर स्तोत्र
३/गु. स्तोत्र १०१९/१५६८४ | केवलीस्वरूपस्तवन (साक्षीपाठ-सह)
स्तुति बालावबोध १०२० १६६७० | केशव बावनी
३. व्र.हिं. सुभाषित १०२१/१५४१० के शि प्रदेशिराजा रास
|गु. चरित्र १०२२/१६५४७/५ | केशी-गौतमगणधर स्वाध्याय
७-८ गु. चरित्र १०२३ १७००३/५ | केसी-गौतम गंहुली
४ थुगु. गीत १०२४|१६७७३/५५ कोढनुं औषधादि
सज्झाय १०२५ १६६५१/२ कोश्याप्रतिबोध
१(५९मुं) गु. चरित्र १०२६/१६०३६ कौतुक रत्नाकर
उपदेश १०२७/१७९५० कौमुदी प्रक्रिया
१२१/ सं. व्याकरण
पार्श्वचंद्र
गा.८
उदय शुभलक्ष्मी
गा. १३
४२मुंगु.
गा. १३
रामचंद्र, परिव्राजकाचार्य
| व्याकरण | रामचंद्र, परिव्राजकाचार्य
व्याकरण |विद्यानंद व्याकरण | विजयानंद व्याकरण गुणरत्नसूरि
५७७८
टिप्पणी १०२८ १७९५१ कौमुदी प्रक्रिया
टिप्पणी १०२९ १८३४५ क्रियाकलाप १०३०/१५२७२ | क्रियाकलाप (अध्याय-४)
क्रियारत्न समुच्चय
बीजक १०३२/१८४६२ | क्रियारत्न समुच्चय बीजक सह १५१६६ क्रियारत्नसमुच्चय
क्रोध मान-माया-लोभनी सज्झाय १०३५ १६७३७/२ क्रोध मानमाया लोभ अंगे श्लोको १०३६/१५७९३/२ कोध-मान-माया-लोभ विषे सज्झाय १०३७ १५५४८ क्षमा छत्रीसी १०३८/१५६९० क्षमा छत्रीसी १०३९ १६७६८/३ क्षमा छत्रीसी
ग्रं.५६६१,बी.११७
५०००
गा. ६+५+६+७/
सं.
गा.८
व्याकरण गुणरत्नसूरि व्याकरण | गुणरत्नसूरि उपदेश
उदयरत्न सुभाषित उपदेश उपदेश समयसुंदर उपदेश समयसुंदर
समयसुंदर
ग.
गा.३६
गा.३६
गीत
गा. ३६
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