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लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर पत्र भाषा विषय ग्रंथकार
प्रमाण
क्रम रजी. क्रमांक ग्रंथनाम
३६३/१२
श्लोक-१४
१२८८८ अंगचूलिकासूत्र ३६४ | १४४०८/७९ अंगविद्या ३६५, १४९५७/१ अंचलगच्छ नायक गुरुरास ३६६ / १२८४७/४ अंजनशलाका स्तवन
२१ प्रा. आगम १४०-१४१ सं. ज्योतिष
६गु. चरित्र ३५-४१ गु. स्तुति
गा. १४०
कवि कान्ह वीरविजय
ढाल-६
| २२१-२२६ गु.
ढाल-७
ढाल
३६९
गा.१९ पर्यंत
गा. १५९ गा. २३४
३७१।
चरित्र
ग्रं.८५१, ढाल-७
३६७ / १४३८१/४४ अंजनशलाका स्तवन
११३५८ अंजनशलाकास्तवन
१३९३९ अंजना सुंदरीनो रास ३७० ११९५४/१ अंजनासतीरास
१४०३४ अंजनासुंदरी चोपाई ११८६९ अंजनासुंदरी रास
१२१४७ अंजनासुंदरी रास ३७४ | १२३८०/२३ अंजनासुंदरी रास
१४३८१/४९ अंजुनमालीनी सज्झाय ३७६ ११८४९ अंडबचुपै ३७७/ १४५९० अंतकाल पयन्नो ३७८ | ११४२२ अंतकृद्दशांगसूत्र ३७९ १२९१३ अंतकृद्दशांगसूत्र
१४४६३ अंतकृद्दशांगसूत्र
इतिहास |वीरविजय इतिहास पं. वीरविजय चरित्र चरित्र चरित्र चरित्र पुण्यसागर
पुण्यसागर चरित्र वाचक पुण्यसागर गीत कानजी
मुनिरत्नसूरि (सं) माव(गुज.) आगम आगम
सुधर्मस्वामी आगम भद्रबाहुस्वामी आगम सुधर्मस्वामी
खंड-३
२३५-२८१ गु. २३०-२३१ गु.
गा.१६
२ प्रा.
२४ प्रा.
आगम आगम
३८१
१४५२०
३८२ |
१४४१९
आगम
वृत्ति अंतकृद्दशांगसूत्र अंतकृद्दशांगसूत्र अंतकृद्दशांगसूत्र अंतकृद्दशांगसूत्र अंतकृद्दशांगसूत्र
३८३
१४४२०
प्रा.
आगम
सुधर्मस्वामी सुधर्मस्वामी सुधर्मस्वामी सुधर्मस्वामी सुधर्मस्वामी
आगम
३८४] १४४२१
१४४२२/२
आगम
३८७
૨૮૮ |
११४२३ १२९१३ १२६६९ १२७५९/१ १२८२९/९८
अंतकृद्दशांगसूत्र-स्तबक अंतकृद्दशांगसूत्र-स्तबक अंतरिक छंद अंतरिक पार्श्वनाथ उत्पत्ति छंद स्तुति अंतरिकजिन स्तवन
४ गु. स्तुति
१३ गु. स्तुति १४०-१४२ गु. स्तुति
३८९
वा. भावविजय लावण्यसमय |जिनचंदसूरि
कडी-५१ गा. ५३
३९०।
गा.१३
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