________________
क्रम रजी. क्रमांक ग्रंथनाम
१६६१ १४०८४/७ गोडी पार्श्वनाथ स्तवन
१६६२ १२८३८/२२ गोडी पार्श्वनाथजीरी हीमची ૬૬૩ | ૪૮૩/૧
१६६४ | १३५७४ / ८
१६६५ १३८३८/२८
१६६६ | १३६०८
गोडीजीनां ढालीयां
१६६७ १३८११/२
गोडीजीनो छंद
१६६८ १४०२९/७
गोडीजीरो छंद
१६६९ १३४८२/१४४ गोडीपार्श्व पद
गोडीपार्श्व स्तवन
गोडीपार्श्वजिन छंद
गोडीपार्श्वजिन छंद
गोडीपार्श्वजीरो स्तवन
१६७० | १३६९५/२
१६७१ १३२८७ / ४२
१६७२१३८११/५ १६७३ १४०२९ / २१
१६७४ १२८०३/२
गोडीपार्श्वनाथ छंद
१६७५ १२८३८/२६
गोडीपार्श्वनाथ स्तवन
१६७६ १२८४३/१९ गोडीपार्श्वनाथ स्तवन
१६७७ १२८४३/३२
गोडीपार्श्वनाथ स्तवन
१६७८ १३५४० / २८
गोडीपार्श्वनाथ स्तवन
गोडीपार्श्वनाथजी छंद
१६७९ | १२८०९/१ १६८० | ११२४१/५
गोडीपार्श्वनाथस्तोत्र
१६८१ | १३७५९
१६८२ १३७६०
१६८३ | १२१५९
१६८४ १२७९९/५० गोडीप्रभुपासमीत
१६८५११८६७ / ४४
गोडीवसंत
गोयम केसि संधी
गोवम रास
गोरख वचनिका
गोविंद स्तुति
गौतम कुलक
१६८६ | १५०२३
१६८७ १२८४६/७
१६८८१२८३५/४३
१६८९ १२८३७/२
१६९० | १३८४५
गोडीचाजीनो चोदालीयो
गोडीचानुं स्तवन
गोडीजी स्तवन
१६९१ | १४०९४
Jain Education International
गोडीपास जिन स्तवन
| गोडीपास जिन स्तवन
गोडीपुरमंडनपार्श्वनाथ सोलढालीयारोस्तवन
स्तबक
गौतम कुलक
स्तबक
पत्र भाषा विषय
२-३ गु. स्तुति
स्तुति
गीत
९४-९५ गु.
३०-३२ गु.
३ जुं गु. स्तुति
१२ मुं गु.
स्तुति
१२ गु.
स्तुति
१-४ गू.
स्तुति
४ थुं गु.
स्तुति
३५. मुं हिं.
स्तुति
- २ जुं गु.
स्तुति
१५. मुं गु. गीत
९-१० गु.मि. स्तुति
११ मुं गु.
स्तुति
स्तुति
स्तुति
५-६ गु.
९९ मुं गु.
२८ मुंगु.
३५-३६ गु.
७ मुं गु.
१ लुं गु.
७-८ सं.
स्तुति
स्तुति
स्तुति
स्तुति
स्तोत्र
५ गु. स्तुति
३. गु.
स्तुति
९ गु.
स्तुति
२३-२४ गु.
स्तुति
१५. मुं हिं.
गीत
चरित्र
३ प्रा. २६-३१ गु. चरित्र
७२ मुं. हिं.
उपदेश
१ लूं गु. स्तुति
३ प्रा. उपदेश
गु.
२ प्रा.
गु.
उपदेश
122
For Private & Personal Use Only
लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर
प्रमाण
ग्रंथकार
वनितसागर
लावण्यचंद्र
ज्ञानविमलसूरि
हस्तिविजय
नेमविजय
रामविजय
उदयरत्न
रूपचंद
शुभक्जिय
उदयरत्न
कांतिविजय
जसराज
जीतविजय
जिनचंद्र
साधुहर्ष
शुभविजय
| शांतिकुशल
प्रीतिविमल
रंगविजय
उदयरत्न
रत्नसागर
विनयप्रभ
तुलापुरी
ऋषिभाषित
गा. ११
गा. १५
ढाल-४
गा. ७
गा. ६
ढाल-१५
गा. ६४
गा. ८
गा. ५
गा. ५
गा. ७
गा. ४३
गा. ९
गा. २३
गा. ९
गा. ८
गा. ६
गा. ५
गा. ८+१
पद्य १४
गा. ३५
गा. ५५
ढाल-१६
गा. ५
गा. ५
गा. ५०
गा. ७
गा. ५
गा. २०
गा. १७ पर्यंत
www.jainelibrary.org