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________________ नाम........................ पाकुल......................५ जायक..... . र भवी ........ प्रियश्तक.................. प्रीति रति ................. कोण......................७८ बन्ध ..........................४ । | पादश......................१५ पविशन्ति ................ २५ पडोत्तरविभान ...............५ पताका ...... पत्ररी .........................५ संख्या सूचक शब्द संकेत - परिशिष्ट ९-५७० भरत-बाप्न ..................२ भूत...... |भूमि......... भव..........................११ -भांगी ......... भोजक..... भवमार्ग भवानिसुत.... घड़ा पद ...................६ भ्रमर चरण .................६ भार. मकराकर........ भाव.. मशाल .................८.९ म व भाग ... ............. नारद.......................... . नाराच............ ......... ५ नारायण (वासुदेव)..........९ नासत्य ......................८ नासावन्श.....................१ निधान.....mmmmmmmm... निधि......... ३ भोजन...... महुमाता .....................१२ याईसी .......................२२ पद.......... पद्यो ...........................८ पदार्थ ....................४.१ बाण (बाणी) बाणी नियन..... मणि मणिहार ...mmar पन्तग......mmmam पाल. बुद्धि........... निरात्मा ..... निर्जर. निर्जरालय... निशाकर .............. निशानाथ.... निशापति. निशिपति.... निशेष .... पाठक ........................४ पुष्क र.................. ८, ३० पाणि पर..................... पाण्ड व....................... ५ पुरण....................... . पाताल ..................७ पू र्ण..... पतिशाही सेना.............२२ । पूर्व ......................... १४ ....... ...... .....२ पूषा.. पृथ्वीपति ..................१.१६ पाप स्थानक...............१८ पच्ची ............... पयोनिधि प्रकृति .........२१, २५, १४ पारावार. प्रजापति......................५ पार्थिव पार्शव चिन्ह ...... प्रतिनारायण पार्षद (प्रतिवासुदेव) ................ प्रथम जिनभव.............. पावक प्रभजन.............. पिण्ड स्थान................ प्रभव.. पितामह पिनाकी. पीयूष दोधिति ...............१ प्रभुनेत्र...... पुणातर दृष्टचन्द्र.......१००० प्रमत्तपति.................... ११ पुर.......................३. ७ । प्रमाण ........................ २ पुरन्द र ......................१४ प्रमाची. पुराण........................१८ प्रवचनमाय..................१३ परी........................... ७ | प्रवराम .......... पुरुष............. प्राण.....................५.२० पुरुषकला ................. ७२ प्राणेश...... पुरुषान्वय .......... मालेय पुरुषायु.............१०० प्रालेयाशु ....................... पुरुहूत ..................... १४ प्रासाद.......... भास्वन्त भिक्षु प्रतिमा ...............१२ मदकल..................... मधवा .......... ..... मनम् ....... ..... पत्रग........... पयोद .. पयोधर ....................... पयोधि ....... मरुत्.................... महाकाव्य पयोनिधि ......mmmmmsame ब्र ह्म ...................... ब्रह्मगुप्ति ............... ग्रामुख..................महावृत्ति ...... भु जग.........................८ भुजा ....................२, १० भुवन..................३.७.१४ परमधार्मिक .................१५ नोरधि............mmmmmm नीरनिधि परियुत................१००००० .....२२ अमावा . .. .......... . ब्रह्मास्य......mmmmmmmmmr भू..............................१ भूखण्ड .................. ६, ९ भूत प्राम..................१४ पव....... . ...... ५ महापाप.....mmmmm. महाभूत..................... महामय..................... महायज्ञ ......................५ महावत महासेन बदन.. महिधर नेम .........." पक्ष ....... 4...१२ भूति ..... भूतेश........... पलाशदल..... भक्ति पक्ष (भोजन) पवन.......... भूधर....... पंकन दल ...............१००० . ........,१० पंक्ति .......... पवमान...... पशुपति...................... पाकशासन..................१२ महीभूत ....... भूपति .......................१६ भूपाल.......................१६ पक्षक.... भर............ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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