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________________ भंडार ग्रंथांक पत्र भंडार नाम .....१-६५ २१५ ४९२ - सर्व ग्रंधों का अकारादिक्रम - परिशिष्ट १ ग्रंथनुं नाम कर्ता संवत् ग्रंथांक नाम ग्रंथy नाम कर्ता | संवत् संख्या संख्या हूं.का. ५०३ सूत्रकृतांग सह बालावबोध ......जीवणजी -ले........ ...१७९८. ......१३३||लों का १४ सूत्रकृतांगसूत्र प्र.श्रुतस्कंध ...... पार्धचंद्र उ. -टी.............. लों .का. १५४ सूत्रकृतांग सूत्र सह टवार्थ ...... ...१८६८ सह बालावबोध त्रूटक जि.का १४०२ सूत्रकृतांगनियुक्ति. लों.का १६ सूत्रकृतांगसूत्र प्रथम श्रुतस्कंध..... १-८३ लो.का. १५९ सूत्रकृतांगनियुक्ति ... सहबालावबोध आ.का.२८२ सूत्रकृतांगनियुक्ति लों.का १५० सूत्रकृतांगसूत्र प्रथम द्वितीय .....पार्धचंद्र उ.टी. ... जि.ता.१४७/११ ०| सूत्रकृतांगपर्याय १०३-१०५ श्रुतस्कंध त.का. ६३५ | सूत्रकृतांगबालावबोध. १३५१ ० सूत्रकृतांगसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध ......... आ.का. ३०५ सूत्रकृतांगवृति ५८ जि.का ८९७ सूत्रकृतांगसूत्र प्रथमश्रुतस्कंध ........... सस्तबक ० सूत्रकृतांगवृत्ति ..........१६६८ ......२५८ थाका २५४ ० सूत्रकृतांगवृत्ति शीलांकाचार्य ................१६७०..... २९८ जि.का ८९८ सूत्रकृतांगसूत्र प्रथमरकंध था.का २५६ शीलांकाचार्य............................. २८० | सूत्रकृतांगवृत्ति सस्तबक IL... ० सूत्रकृतांगवृत्ति सूत्रकृतांगसूत्र मूल ............. १-५१ अभयदेवसूरी सुधर्मारवामी. जि.ता.५/१ . सूत्रकृतांगसूत्र .. १-३३ सुधर्मास्वामी सूत्रकृतांगसूत्र मूल .....१५०० जि.का ५ सूत्रकृतांगसूत्र मूल त्रूटक ...... सुधर्मास्वामी .............| सुधर्मास्वामी ० सूत्रकृतांगसूत्र .. सूत्रकृतांगसूत्र मूल सह ........ पाचचंद्र उ.-टी. ..... बालावबोध ० सूत्रकृतांगसूत्र .. सुधर्मास्वामी | सूत्रकृतांगसूत्र श्रुतस्कंध सह जि.का ६४४ सूत्रकृतांगसूत्र ...................सुधर्मास्वामी बालावबोध बेटक जि.का १३५३ ० सूत्रकृतांगसूत्र सूत्रकृतांगसूत्र सह नियुक्ति ... ...६१ जि.का १३५४ ० सूत्रकृतांगसूत्र था.का २५५ सूत्रकृतांगसूत्र सह नियुक्ति ... ५३ जि.का १३५२ | सूत्रकृतांगसूत्र लों.का १२६ सूत्रकृतांगसूत्र सह बालावबोध..... .....१-७ आ.का.९ सूत्रकृतांगसूत्र ...... ४१ जि.का ६२ सूत्रकृतांगसूत्रचूर्णी .. ...............१४८८८(१९९२त.का. ११५ सूत्रकृतांगसूत्र गणधर ....................... १७६४ ...२०८९) जि.का ९९५ सूत्रकृतांगसूत्र अपूर्ण..... ६३| जि.का ६ ० सूत्रकृतांगसूत्रनियुक्ति ............ भद्रबाहुस्वामी .. ३(१८४जि.का. १४०२ सूत्रकृतांगसूत्र तथा भद्रबाहुस्वामी क.............१५६६ .... १८६) सूत्रकृतांगनियुक्ति जि.का १३००/४० सूत्रकृतांगसूत्रनियुक्ति ........ भद्रबाहुस्वामी ६६-७५ लों.का १२ सूत्रकृतांगसूत्र द्वि.श्रुतस्कंध ..... सुधर्मास्वामी-क. ................ . ३४-८५||जि.का १३५५ ० सूत्रकृतांगसूत्रनियुक्ति भद्रबाहुस्वामी जि.का ३३९० सूत्रकृतांगसूत्र द्वितीयश्रुतस्कंध ... ३४ जि.का. सूत्रकृतांगसूत्रवृत्ति शीलांकाचार्य.. ४(१८७सस्तबक त्रिपाठ ३२२) का ११ .१-५३||लों का १३ (१६२-लों का १८ ............ ५५//न.का/ EMEMEEEEEE Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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