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भंडार माम
ग्रंथांक
जि.का ११७० जि.का ४२०/५४ जि.का ५७४ इं.का. १०२३ जि.का १९३ जि.का ९३५ जि.का ९२२
५३६
आ.का १८७ त.का. ७०९ जि.का २१८६ जि.का २४ जि.का २४७ जि.का १९१
पत्र भडाराजांक ग्रंथर्नु नाम
कर्ता
संवत् |
| संख्या नाम कर्णकुतूहवृत्ति भास्कराचार्य -मू................."
...१८ था.का.४१४ कर्ताअकर्तापच्चीसी ............ भैया
......१७५१
११०५-१०६ कर्पटहेटकपार्श्वनाथरास ....... दयारत्न......................१६९४ ...... आ.का ५९ ० कर्पूर सहावचूरि. कर्पूरप्रकर हरिकवि....
१० त.का. १२८६ कर्पूरप्रकर ....
हरिकवि.... ० कर्पूरप्रकर सावचूरि पंचपाठ ..... हरिकवि ......
५ त.का./१२४७ अपूर्ण
था.का ८७ | कर्पूरप्रकरण ....... कर्पूरप्रकरणकथायें ..... कर्पूरप्रकरवृत्ति अपूर्ण .............
जि.का १५०७ कर्पूरमंजरीनाटिका ..............राजशेखर कवि..............१५३८
१५०७ ० कर्पूरमंजरीनाटिका कर्पूरसुमभाष्य प्रेमराज ........
४३७ कर्पूरमंजरीनाटिका टिप्पणीसह राजशेखर कवि ....... पंचपाठ अपूर्ण कर्पूरप्रकरण सह कथाओ ......... ईन्द्रमाण मुनि .............
...३६ | कर्पूरप्रकरण सह बालावबोध .... मेरुसुंदर ......
........--.७२-१२८|| कर्मक्षय व सिद्ध स्वरूप ..... कर्मग्रंथ कर्मग्रंथ (प्रथमसे पाँच) सह वृत्ति देवेन्द्रसूरि ...............
..१६८ कर्मग्रंथ १थी ४ .................देवेन्द्रसूरि .... कर्मग्रंथ १ थी ४ बालावबोध ...... देवेन्द्रसूरि ............
१९७० कर्मग्रंथ एक थी।
३१८ कर्मग्रंथ एक थी चार.....
३२१ कर्मग्रंथ एक थी चार सह टब्बार्थ देवेन्द्रसूरि
१५१४ कर्मग्रंथ एक थी त्रण.............. देवेन्द्रसूरि
१००३ कर्मग्रंथ एक थी त्रण सह टवार्थ
२३८ कर्मग्रंथ चतुर्थ -पंचम (नवीन).....
सर्व ग्रंथों का अकारादिक्रम - परिशिष्ट १ . ३५५
पत्र ग्रंथर्नु नाम
कर्ता | सवत्
संख्या कर्मग्रंथ द्वितीय (प्राचीन) सह ................ अवचूरि कर्मग्रंथ द्वितीय तृतीय .......... देवेन्द्रसूरि ...............
......८ बालावबोध कर्मग्रंथ पंचम (नवीन) .... सह स्तबक कर्मग्रंथ पांचथी छ सह टमार्थ .. कर्मग्रंथ प्रथम थी पंचम(नवीन) (कर्मग्रंथटीका) सहवृत्ति .........जिनलाभसूरि ................ १८ तथा षष्ठमू कर्मग्रंथ प्रथम द्वितीय तृतीय ..... देवेन्द्रसूरि ............... कर्मग्रंथ प्रथम द्वितीय तृतीय.... देवेन्द्रसूरी ........... कर्मग्रंथ प्रथम बालावबोध त्रूटक... कर्मग्रंथ प्रथम द्वितीय .... पंचम (प्राचीन) पष्ठ कर्मग्रंथ प्रथमथी चतुर्थ ....... कर्मग्रंथ प्रथमथी पांच सटीक .... मलयगिरि .. कर्मग्रंथ प्रथमसे छा............. कल्याणमुनि -ले......... कर्मग्रंथ बेथी पांच .... कर्मग्रंथ सस्तवक.
सुंदरमुनि-ले.......
जीवविजय-क. कर्मग्रंथचतुष्क...
देवेन्द्रसूरि ........... कर्मग्रंथपंचक....
देवेन्द्रसूरि ......... ० कर्मग्रंथपंचक.......
देवेन्द्रसूरि -क.... कर्मग्रंथपञ्चक ...
देवेन्द्रसूरि ... कर्मग्रंथप्रथम (नवीन)... कर्मग्रंथप्रथमसे चतुर्थ(नवीन)... सह सस्तबक
AAAAA
न.का. १०४९ इं.का./५५६ नं.का. १२९८ त.का. ११२६ इ.का. ११३४ जि.का १५०६/१ इं.का. १०५२ त.का. १०४१ त.का. १०८९/ त.का. ११५३ त.का. १२२१ त.का. ११६९ इं.का. ११४६
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