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तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर - जैसलमेर | ग्रंथांक ग्रंथन नाम
भाषा संवत् । पत्र संख्या झेरोक्ष सी.डी.
विशेष नोंघ १२७८ ....नवतत्त्व बालावबोध............
.................... १९३४ .......... १२७९ कल्याणमंदिरस्तोत्र.............. १२८० ..... सौभाग्यपंचमीस्तवन ................. १२८१ .... प्रत्याख्यान पाठ ................. १२८२ ....बोलथोकडा भंगसंग्रह ........... १२८३ .... वीसस्थानकतपविधि .............. १२८४ .... बनारसीविलास ...... १२८५/A .. पद्मावती आराधना ...... १२८५/B.. पुण्यप्रकाशस्तवन... १२८६ .... कर्मग्रंथ पंचम (नवीन) सह स्तबक १२८७ .... कल्पसूत्रवृत्ति १२८८ ... चउक्कषायसज्झाय
गौतमकुलक सह टब्बार्थ नवतत्व सह बालावबोध गुणस्थान उपशम भावविचार ..... भक्ष्याभक्ष्यविचार विचारसंग्रह .................... कर्मबंधहेतु त्रिभंगीस्तोत्र ................ कर्मप्रकृतिबंधहेतु ...................... आवश्यकवृत्ति (वंदारु)..............
उत्तराध्ययननियुक्ति ......................... १२९८ .... नेमिचरित्र .......................................... १२९९ .... श्रमण अतिचार........................................ १३०० .... बोलविचार उद्धरण त्रूटक पत्रो....................... १३०१ ....सिन्दुरप्रकर सह वृत्ति .............. १३०२ .... स्फूट अपूर्ण लघुग्रंथ अने त्रुटक पाना ..... १३०३ ... सौभाग्यपंचमी व्याख्यान सह टब्बार्थ ................... १. ग्रंथांक १२७५ से आगेकी सब प्रविष्टियों पुराने सूचीपत्र के अंतिम ग्रंथांक १२७८ से आगे जो तपागच्छके अतिरिक्त पंथ मिले उन्हें नये क्रमांक देकर जोडी गयी है।
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