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झेरोक्ष
सी.डी.
ग्रंथान
विशेष नोंघ
...........१४
अपूर्ण अपूर्ण जीर्ण
......१०११...१008.1.३२८
"...२२
.१ थी ५ पाना नथी
.१थी ३ पाना नथी .प्र.७५०००/-(पत्र ३५ थी ८७, पत्र ५० थी १५२)
तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार- श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर - जैसलमेर ग्रंथांक पंथन नाम
कता
भाषा- संवत् पत्र संख्या १०४७.... भगवतीसूत्र....................
................. .....११२-४८२ १०४८ .... शीलोपदेशमाला सह बालावबोध.. १०४९ .... एकवीशस्थानक .......
............१६९९ F- .........५ १०५०.... सिद्धहमशब्दानुशासन बृहदीपिका बृहदवृत्ति हेमचंद्राचार्य ..
.......................१३६८ १०५१.... उपदेशमाला ....... १०५२ .... सामाचारी आचारविधि,
............ १६४५-............२४ १०५३ .... रघुवंशटीका .............................. चारित्रवर्धन ..
................१५६ १०५४ .... पाशाकेवली सह बालावबोध ...........
.................. ९-१५ १०५५ . पाशाकेवलीकाव्य अपूर्ण .. १०५६ ....
-चतुःशरण सह बालावबोध (दोषावली). १०५७ .... अष्टोत्तरीस्तोत्र+नवस्मरण+
..........२१(३ थी २६) श्रावकपाक्षिक अतिचार १०५८ .... भगवतीसूत्र ............... १०५९ .... आवश्यकसूत्राणि च पाठ, १०६० . चतुःशरण ................. १०६१ .... आगमसार ............. १०६२ .... उठामणाश्लोकव्याख्यान
अपूर्ण १.२. ५.७. २२ पाना नथी अपूर्ण
अपूर्ण अपूर्ण पत्र १ लं, २ जूं नथी. अपूर्ण आ जेरोक्ष कोपी कदाच १००१..११३१ ना | बंचमा अथवा १०११...१०७९ ना बंधमा ..होई शके.
१०ER
.....१ थी १० पाना नथी
१०६३ .... ज्योतिषबालावबोध .............. १०६४ .... लघुप्रक्रिया ............ १०६५ ....पंचास्तिकाय सह छाया अर्थ व भावार्थ .... अमृतचंद १०६६ .... श्रीपालचौपई......... १०६७ . प्रकरण ........ १०६८ .... ज्योतिषशास्त्रबालावबोध
..... रत्नमाला ......... १०००.... ग्रहदशा अन्तर्दशाफल........
1.१,२ पाना नथी
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