________________
तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर - जैसलमेर झेरोक्ष सी.डी. ग्रंथाग्न
विशेष नोंध
सवत
पत्र
संख्या ।
....९२९ + ९४६ --- ३२८
९३१
..... १६१३
............ ..................
.................... १६३८
३१० ग्रंथांक
ग्रंथन नाम ९२८ ...... श्रुतबोध ..........
कालिदास...९२९ ..... मोगलपुराण ............
-स्थुलिभद्रफाग ............
महावीरजन्मोत्सव ......... ९३२...... शत्रुजयरास .......... ९३३ ..... कल्याणकस्तवन ..... ९३४ ...... साधु-श्रावकदिनचर्याविधियाँ ............. ९३५.... मेघकुमारचौढालिया .. ................. कनकमुनि.... ९३६/A... गौतमकुलक ९३६/B... दानशीलतपभावनाकुलक ९३७/A.... ऋषभस्तवन
दानमुनि ...... ९३७/B..... ऋषभस्तोत्र. ९३८..... गौतमकुलक सह टब्बार्थ ...................
गौतमपृच्छाचौपई ......... जंबूद्वीपसंग्रहणी सह टव्वार्थ ............... हरिभद्रसूरि
लोकनालिबत्तीसी (द्वात्रिंशिका टब्बार्थ) ................. ९४२ ...... संवोहसत्तरी .. ९४३ ..... शत्रुजयकल्प ......... भावप्रकरण..
विमलविजय विचारसप्तिका
शांतिकुशल मोतीकपासीयासंवाद. चित्रसेन रोहीणीचोढालीया मौनएकादशीगणj सवैयासंग्रह सुभाषितपद्यसंग्रह मेधकुमारचौडालिया षट्पंचाशिका . गौतमाष्टक + ग्रहशांतिस्तुति ............... ललितसागर ..
९३९ ....
.....................
९४१......
१७८९ ૧૯૮૨ ૧ર૬
१९००
१८५२
..........९२९ +९४६...३२८
mmmmmm
.............
१६९६
"
""
"
Jain Education International
For Private & Personal use only
www.jainelibrary.org