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तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर - जैसलमेर झेरोक्षसी .डी ग्रंथान
विशेष नाँध
का
भाषा
संवत
। पत्र
संख्या
..... १८५२
८२५...८७६
.......... १७९८ ............ १७०२
ग्रंथन नाम शत्रुजयसंघयात्रास्तवन ...... सारशिखामणसज्झाय........ थलीकाव्याख्यान.............. गहुंलीसंग्रह .............. सौभाग्यपंचमीस्तवन ..... सीमन्धरस्वामीस्तवन .... ब्रह्मचर्यनववाडीगीत उन्नतीसभावनास्तवन चोवीसदंडक (आदीश्वर) स्तवन .......... धर्मसुंदर ......... ऋषभस्तवन आवककरणी सज्वाय ......................... साधुवंदना सरस्वतीस्तोत्र + पुष्पांजली ................ रामविजय ....... अपिबत्तीसी....................
हरखविजय ..... नेमीनाथरास........................
कल्परत्नविजय भक्ष्याभक्ष्यविचार + पच्चक्खाणविधि .....
.......नयविमल ....... पार्श्वनाथविनति .......
हरखविजय ........ पंचमहावतगीत
लक्ष्मीरत्न....... मीनएकादशीगुणना
यशोविजय ........ वसुधारा लघु सर्वसिद्धान्तस्तवन ..
जयशेखरसूरि. बृहत्शांति Ja४ ...... जयतिहुअणस्तोत्र
अभयदेवसूरि. सरस्वतीस्तोत्र.......... भक्तामरस्तोत्र
मानतुंगविजय. बटुकस्तोत्र सहमंत्र ................. ज्वालामालिनीमंत्र सहविधि ................
.................. १७९६
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१८६७
८२५...८७६ ...३२८
................ १९३१
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