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पत्र संख्या
विशेष नोंध
......... १५६५
झेरोक्षसी .डी. ग्रंथान
.....५८३.. .......५००/B... ५८८.-३२६
......१७२५
५८४ ....
... ५००/B... ५८८.4-३२६
तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर - जैसलमेर ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम
कर्ता भाषा संवत् ५८३...... हेमशब्दानुसासन .........
हेमचंद्राचार्य...
पत्राचाय.................स. वाग्भटालंकार सह वृत्ति ............. सारस्वतधातुपात सह बालावबोध ..... अमरकोश (नामलिंगानुशासन) उमेदविजयगणि....
१८९७ सिद्धांतचंद्रिका ....
रामचंद्राश्रम... प्राकृतदीपिका (शब्दानुशासन).
१४५३ सारस्वत ...... गुणावली गुणकरंडकरास .............. शांतिदर्थ
१८o विक्रमादित्य चौपाई गुणावली गुणकरंडकचौपई श्रमणप्रतिक्रमणसूत्र .........
जिनवल्लभसूरि... क्षेत्रसमास सहवृत्ति
हरिभद्रसूरि .... सं.प्रा. आवश्यकनियुक्ति अवधूरि सह कथायें ......देवेन्द्रगणि
सं.प्रा ५९६...... पंचलिंगीअवधूरि ..... ५९७ .....दशवकालिक वृत्ति
प्रा.सं. ५९८/A..... अग्यारह उपासकप्रतिमा.
.. प्रा. ५९८/B...... आराधना बालावबोध (संक्षिप्त)............
.प्रा. गीतमपृच्छा सार्थ ....
-प्रा.गु. षट्स्थानक आयकवक्तव्यता सह वृत्ति.....
सं.प्रा प्रतिक्रमणवृत्ति .................
सं.प्रा ६०२ .... उत्तराध्ययनसूत्र ......................
दशकालिक अवचूरि .................. दशवकालिकसूत्र सह अवचूरि............ दशवकालिकसूत्र ..........................शय्यंभवसूरि .............सं.प्रा दशवकालिकसूत्र सह बालावबोध....... दशवकालिकलघुवृत्ति ....................... हरिभद्रसूरि ............. सं.मा. दशवकालिकसूत्र ........
..............प्रा. ............१४८८ दशवकालिकसूत्र .....
शय्यंभवसूरि ...............प्रा............. १६४२
६०१....
3Kई583
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प्रा.स
...........६०७ + ६०८ .-३२६ ...........६०७+ ६०८.-.
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