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तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार-श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर - जैसलमेर झेरोक्ष सी.डी. ग्रंथान
विशेष नोंध ................९३थी १०९ नथी ......३६२६ --
....
..पा.
संवत् । पत्र संख्या
.. १४४(१-१६१) ... १८२८
१६६१ १६४६ १६१० ૧૮૧૭ १८७७ १६००
.........८४. ३२३
...८५................१२५०..
६१८
..५० मुं पानु नथी
.. १६५७
ग्रंथर्नु नाम
|भाषा उत्तराध्ययनकथायें......................... विजयदेवसूरि .............सं. उत्तराध्ययनसूत्र अवचूरि ................. गणधर ........... उत्तराध्ययनदीपिका........................ कमलसंयम ......... उववाइ उपांगसूत्र सह टब्बार्थ .............. निरयावलि.
औपपातिकसूत्र .... निरयावलिकादिपंचोपांगसूत्र सह टब्बार्थ.... षडावश्यकसूत्राणि सह बालावबोध .... आवश्यकनियुक्ति ............... आवश्यकबालावबोध ........................ आवश्यक(वृन्दाक)वृत्ति .................. आवश्यकवृत्ति टिप्पनक ..................... हेमचंद्रसूरि...
सं.प्रा पाक्षिकसूत्र सह वृत्ति .......................यशोदेवसूरि...............सं. पाक्षिकसूत्र क्षमापना सह टब्बार्थ .......... भावविजयगणि........... आवश्यकसूत्राणि सह बालावबोध पाक्षिकसूत्र सह क्षमापना आवश्यकसूत्राणि ब पाठ....... आवश्यकसूत्राणि सह बालावबोध अपूर्ण आवश्यकसूत्राणि व पाठ....
श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र सह टब्बार्थ .. ००....--श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र..... भाष्यत्रय........
देवेन्द्रसूरी १०२...... प्रत्याख्यानचूर्णि..........
जयदेवसूरि 1०३...... चैत्यवंदनमहाभाष्य........
शान्तिसूरि ..... ०४ ...... प्रतिक्रमणविधिहेतुगर्भ .................... जयचंद्रसूरि ..... ०५ ...... आवश्यकवृन्दारुवृत्ति...... १०६ ...... आवश्यकनियुक्ति ........ १.०७.....-आचारांगसूत्र सह बालावबोध
बाला.कीर्तिकलश..........
.... पत्र १, २ नथी
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......१६१०
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