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आचार्यगच्छ कागळनो हस्तलिखित ' ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथान
विशेष नोंध
झेरोक्ष
सी.डी.नं.
७८-७९ .......३१८ ७८+७९ ---.....३१८
............ पहेतुं पार्नु नथी ........३३५७ .... ........१३७०
२६२ ग्रंथांका ग्रंथ नाम
कर्ता
। पत्र संख्या ७३... अभिधानचिंतामणि शेष... ७४... ललितविस्तरापंजिका ......
-मुनिचंद्र सूरि ७५...आवश्यकवृत्ति ................ ७६...प्रवचनसारोद्धारसूत्र ....................... ७७ ....पोषधविधी ... ७८....कविशिक्षा सह वृत्ति काव्यकल्पलता ........अमरचंद्र ललितविस्तरा....
.........लक्ष्मण मुनि ....... दसवैकालिकसुत्र ............... बारह भावना ...............................
.विमलचंद जिनपूजन इत्यादिक विधी ................ समाससारोवार ..................... सीमन्धरस्वामीस्तवन ..................................................... भववैराग्यशतक क्षेत्रसमास प्रकरण ..................
विवेकमंजरीप्रकरण .. ८८.... दसवैकालिक
.लावण्यनंदि गणि..
... ...........१५४८ ८९. क्रियातपवृत्तिकारिका,
श्रीपालचरित्र..... ९१.... योगशास्त्र सार्थ ....................... .हेमचंद्राचार्य .... ९२... श्राद्धदिनकृत्य ............
चउदीसदंडक सह टवार्थ ......... गजसार ९४ ... चतुर्विशति स्तवन + नवतत्व विचारसार ..
...........१६०५ ९५.... चउशरणसन्धि पत्र ...... ९६ ... क्षेत्रसमास ९७...शीलोपदेशमाला .
.........३ पाना नथी .५१२
९३....
.....एक पानु नथी
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