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झेरोक्षसी .डी. ग्रंथान
विशेष नोंध
संवत । पत्र संख्या | .......... १९१९ .......... १-५३
१-३१
४०८ .....
1. छूटा पानां
..... १६७२-१७६८
.........१८४६ .......... १८१६
..............चोटी गयेला छे
लोकागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथांक . ग्रंथ नाम
कता संघयणीसूत्र .......... ४७५. प्रकीर्णकथा संग्रह त्रूटक ............. ४७६ . नवतत्वविचार त्रूटक .............. ४७७ ..... रतनगुरु सज्झाय .............
ऋषिमंजलसूत्र मूल टब्बार्थ अपूर्ण .............. ४७९ ..... गजसुकुमार चौपई ...... ४८०..... छुटक पद और आराधना ... ४८१..... गुणस्थान + कर्मप्रकृति पदवी बोल ४८२ ..... हिंसाछंद + श्रावककर्तव्य .................. पाल्हभाट .... ४८३ ..... सिंहलसुतचउपई .........................समयसुंदर... ४८४ ..... बलिनरेन्द्र भुवनभानुचरित्र ................. ४८५ ..... उपदेशमाला सह टब्बार्थ व कथाओ........ ४८६ ..... पुण्यविलासरास ....... ................. जिनहर्ष ४८७ ..... संबोधसत्तरि सह टब्बार्थ ................ ४८८..... शीलरास त्रूटक ........................ ४८९ ..... प्रकीर्णक पद संग्रह .......................... ४९०..... जीवस्थानविचार सह बालावबोध ........ ४९१.....गौतमपृच्छा सह बालावबोध, ४९२IA... ऋषभदेवजी रो विवाहलो + प्रकीर्णक पद ............ ४९/B...... ऋषभदेवविवाहलो. ४९३ . शीलरास ............
-ज्ञानचंद्र ४९४. आवश्यकसूत्राणि च पाठ ..................तिलकाचार्य . ............सं. ४९५..... नंदबत्तीसी.
.........नरपति कवि ४९६ ..... चौबीसदंडक सह टब्बार्थ . ४९७..... दान-शील-तप-भावनासंवाद ...............समयसुंदर. ४९८ ..... अतिमुक्तककुमारचौपई. अतिमक्तककमारचौपई....................
नारायणमुनि... ४९९ . चैत्यवंदन सज्झाय ...... ५००/A..... चिडियारो विवाह .....
...........१.६
१८४५
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......१६८३-१७३७
......... 400/A..५१६.....
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