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११८०.
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.. २९२.--
थाहरुशाह कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथांक ग्रंथन नाम संवत् पत्र संख्या झेरोक्ष सी.डी.नं. प्रथाप्र
विशेष नोध धर्मरत्नकरंडकवृत्ति ...........
वर्धमान आचार्य ..........र.११७२-ले.१६७९ . .........२२० 4............... ....... २५१ ...१०००० --- षट्स्थानकश्रावकसह वक्तव्यता सह वृत्ति .....जिनपति सूरि
........ ३६.............
....... २९२
...१४९४ ... ...नवतत्त्वप्रकरण सह भाष्य विवरण, -मू.क.देवगुप्तसूरि,
...२४००... .वि. अभयदेवसूरि प्रवचनसारोद्धार सह वृत्ति .टी.सिद्धसेनसूरि.
..१८००० आवश्यकबालावबोध ....... ...................१५२५
... १५००... तपोटचतुष्पदिका वृत्ति ...................... -गुणबिनयोपाध्याय .... चैत्यवंदनमहाभाष्य .......................
-शांतिसूरि आराधनापताका ...........
..............१६७३ संग्रहणी राह वृत्ति .......................... मलयगिरि ....... धर्मपरीक्षा .................
अमितगति आचार्य ................ र.१००० ११ ...... घोडशकविवरण (वृत्ति) ..................... .वि.यशोभद्रसूरि ...................... १६७१
.-.....२५१. १२ ......षोडशकसूत्र ...... हरिभद्रसूरि...........................१६७१
थी १४ ....... २९२...........२९६ प्रवचनसारोद्धार ............................. नेमीचंदसरि ................................"
२९३ चैत्यवंदन भाष्य...........................
..२५१/२९३ विजययन्त्र ....
...कपडा उपर लखेलुं छे. प्रवचनसारोद्धार
.. र.१५५६ कल्पसूत्र सह व्याख्यान अपूर्ण उत्तराध्ययनसूत्र
उदयरंग मुनि .................१८६० हैमलिंगानुशासन..
हेमचंद्राचार्य
........१६९७ गणधरसार्द्धशतक.....
विनयसोमसूरि उत्तराध्ययनसूत्र .......... प्रश्नव्याकरणसूत्र
उदयरंगमुनि
.................१८६० पष्टिशतं सह बालायवोध.
. सोमसुंदर सूरि
................१४९६ क्षेत्रसमास दशकालिकसूत्र
..शय्यंभवारि प्रवचनसारोद्धार
......पृष्ठ १ उपर भगवान चित्र छे. ऋषिमंडल सूत्र ..........
थी १४.... થી ૧૪
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