________________
डूंगरजीयति कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथान
विशेष नोंध
झेरोक्षसी
पत्र संख्या
११ ......२११४
.९५९
.....९६३ +९८७ ..
१९६ | ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम
कर्ता
संवत् ९५५ ... श्रुतबोध ............
............ कालिदास................ ........... ९५६ ..प्रभावकचरित्र त्रूटक अपूर्ण ९५७ .. चौद गुणस्थानक, संपूर्ण
.ले. शांतिसमुद्र,
.क. रत्नशेखर ...........१८५३ प्रश्नोत्तर अभिधान शास्त्रम्
.मेघजी
.................१६९९ लीलावती टीका
नंदलाल........ ..चतुःशरण पंजीका .............
..........१८७८ एकाक्षरनाममालिका .....
दशकालिकसूत्र ..... ९६३ .. उपदेशमालावृत्ति .. ९६४ ... सूक्तावली. ९६५ .. | संबोधवृत्ति ........... ९६६ ..धनंजयनाममाला
१९२१ ९६७ .. श्रीपालचरित्रव्याख्या ... .............. -गुणसुंदर मुनि ..........
....१८९९ ९६८ .. मौनएकादशी कथा .
.सौभाग्यनंदीसूरि .....
.....१८५२ ९६९ ..दुरियरयसमीर वृत्ति............... समयसुंदर ..... ...................१९०३
जयतिहुअण + स्तंभन पार्श्वनाथ द्वात्रिंशिका ऋधिमंडलस्तोत्र सह कथासंग्रह
हर्षनंदन.. ऋषिमंडलसूत्र वृत्ति सह कथा सप्तभेदप्रकाश ......... ............. .महेश्वर कवि ........................१५७६ विचारवादसंग्रह .............. पंचसायक .............
शेखरज्योतिरीश्वर .... लोकतत्वनिर्णय .........
.हरिभद्र...... चोचीसदंडक सहावचूरी..
-गजसारमुनि... ९७८ ...पालाविचार ......
देवेन्द्रसूरि ...... ९७९ .. सिध्धदंडिका अवचूरी ९८० .. चार्चिक स्तवन टम्बार्थ .
..........
........२५ मुं पानु नथी
.हर्षनंदन.
Jain Education International
For Private &Personal Use Only
www.jainelibrary.org